पटना

शिक्षक नियोजन प्रक्रिया पूरी- नालंदा में शिक्षकों का आधा पद रह गया रिक्त


    • पहले चरण के नियोजन में 573 तथा दूसरी चरण में 1007 सहित कुल 1580 पद रह गये रिक्त
    • चार प्रखंड तथा 66 पंचायत नियोजन इकाईयों की काउंसेलिंग करनी पड़ी रद्द या स्थगित

बिहारशरीफ (आससे)। प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए काउंसेलिंग की प्रक्रिया पूरी हो गयी है। प्रथम एवं द्वितीय चरण के काउंसेलिंग के उपरांत जिले के कई नियोजन इकाईयों में जहां शिक्षकों के पद रिक्त रह गये है, वहीं अनियमितता के आधार पर या अन्य कारणों से कहीं काउंसेलिंग स्थगित करनी पड़ी तो कहीं रद्द भी करनी पड़ी। इसके बाद भी जिले में लगभग डेढ़ हजार से अधिक शिक्षकों का पद रिक्त रह गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया के बाद 1580 पद रिक्त रह गया है। पहले चरण के शिक्षक नियोजन में कुल 573 तथा द्वितीय चरण के शिक्षक नियोजन में 1007 शिक्षकों का पद रिक्त रह गया है।

जिले के कई ऐसे नियोजन इकाई है जहां नियोजन की प्रक्रिया हीं नहीं हो सकी। वैसे हीं नियोजन इकाईयों में एक है रहुई प्रखंड नियोजन इकाई जहां का मेधा सूची हीं एनआईसी में अपलोड नहीं किया गया। रहुई में वर्ग 1 से 5 तथा 6 से 8 का मेधा सूची एनआईसी पर अपलोड नहीं हुआ है। इस वजह से वहां का नियोजन स्थगित रहा, जबकि बिंद प्रखंड का सामाजिक विज्ञान तथा तीन अन्य प्रखंड एवं 66 पंचायत का वर्ग 1 से 5 का नियोजन विभिन्न कारणों से स्थगित किया गया। जिले में कुल 249 ग्राम पंचायत है और सभी ग्राम पंचायत नियोजन इकाई थी, लेकिन 66 पंचायत नियोजन इकाई में कतिपय कारणों से नियोजन प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी। इस प्रकार जिले में शिक्षकों का लगभग कुल रिक्ति के विरुद्ध आधे पद पर हीं नियुक्ति हो सकी और लगभग आधा पद रिक्त रह गया।

इस बार शिक्षक नियोजन में काफी पारदर्शिता बरती गयी थी। यही वजह रही कि काउंसेलिंग के बाद तुरंत शिकायतें भी मिलने लगी। कई जगह काउंसेलिंग प्रक्रिया में हीं अनियमिता पकड़ी गयी और यही वजह रही कि कई नियोजन इकाईयों में काउंसेलिंग स्थगित करनी पड़ी या फिर काउंसेलिंग रद्द करना पड़ा। कई नियोजन इकाईयों में काउंसेलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी काउंसेलिंग किये गये उम्मीदवारों की जो सूची एनआईसी की वेबसाइट पर डाली गयी उसपर शिकायतें मिलने लगी। जिन लोगों ने नियोजन प्रक्रिया में हिस्सा हीं नहीं लिया उनके नाम पर भी दूसरे का नियोजन किया गया। ऐसे कई नियोजन रद्द हुए है, जबकि कई की जांच चल रही है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि अभी तक जो काउंसेलिंग हुई है उसमें भी कई गड़बड़ियां रह गयी है और ऐसी गड़बड़ियों की जांच शिकायतों के उपरांत होगी और काउंसेलिंग कर सेलेक्ट किये गये लोग अगर गलत पाये गये तो रिजेक्ट होंगे।

जिला शिक्षा पदाधिकारी केशव प्रसाद ने बताया कि प्रथम चक्र के शिक्षक नियोजन में चार प्रखंड नियोजन इकाईयों का काउंसेलिंग रद्द किया गया। इस प्रकार वर्ग 1 से 5 तक के सामान्य के 208, उर्दू के 21, वर्ग 6 से 8 तक में प्रखंड नियोजन इकाईयों के 23 सहित कुल 229 शिक्षकों का पद रिक्त रह गया, जबकि 66 पंचायत नियोजन इकाईयों का नियोजन स्थगित या रद्द करना पड़ा। इस प्रकार सामान्य के 314, उर्दू के 30 सहित कुल 344 पद रिक्त रह गये।

जबकि दूसरे चक्र के नियोजन प्रक्रिया में नगर निगम में वर्ग 1 से 5 तक के सामान्य के 42, उर्दू के 95, वर्ग 6 से 8 तक में हिंदी के 2, उर्दू के 3, संस्कृत के 6, नगर परिषद् में वर्ग 1 से 5 तक में उर्दू के 5, वर्ग 6 से 8 तक में उर्दू के 1, संस्कृत के 3, नगर पंचायत में वर्ग 1 से 5 तक में सामान्य के 5, उर्द के 22, वर्ग 6 से 8 तक में हिंदी के 1 तथा उर्दू और संस्कृत के 4-4, प्रखंडों में वर्ग 1 से 5 तक में सामान्य के 166, उर्दू के 134, वर्ग 6 से 8 तक में हिंदी के 89, उर्दू के 19, संस्कृत के 77, अंग्रेजी के 21, गणित विज्ञान के 25, सामाजिक विज्ञान के 2 तथा पंचायत नियोजन इकाईयों में वर्ग 1 से 5 तक के सामान्य के 174 तथा उर्दू के 113 पद रिक्त रह गये।