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शिक्षक हत्याकांड: आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग, शिक्षकों ने रोका बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य


पीलीभीत। मुजफ्फरनगर में शिक्षक की गोली मारकर हत्या के विरोध में विभिन्न संगठनों से जुड़े तमाम शिक्षक शहर के ड्रमंड राजकीय इंटर कालेज परिसर में एकत्र हुए। शिक्षकों ने एक स्वर से घटना की निंदा करते हुए आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। साथ यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया।

 

मंगलवार को सुबह एससी, ओबीसी शिक्षक महासंघ के जिलाध्यक्ष डा. वीर सिंह आजाद ने मुजफ्फरनगर की घटना के विरोध में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान करते हुए शिक्षकों से ड्रमंड राजकीय इंंटर कालेज पहुंचने की अपील की। इसके बाद शिक्षकों का वहां एकत्र होने का सिलसिला शुरू हो गया।

माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीकांत शर्मा भी संगठन के पदाधिकारियों को लेकर पहुंच गए। उन्होंने भी शिक्षक की हत्या को लेकर कड़ा विरोध जताया। ड्रमंड राजकीय इंटर कालेज में एकत्र हुए शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही आगे के आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए बैठक शुरू कर दी है। इसी बीच जिला विद्यालय निरीक्षक गिरिजेश चौधरी भी वहां पहुंच गए। उन्होंने शिक्षकों से मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार न करने की अपील की।

मुजफ्फरनगर की घटना से आक्रोशित शिक्षकों ने उनकी अपील ठुकरा दी। सभी परीक्षक भी अपने अपने कक्षों से बाहर निकल आए और बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया। यहां पर इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो रहा था। इसके बाद तमाम शिक्षक राजकीय बालिका इंटर कालेज मूल्यांकन केंद्र पर जा पहुंचे। यहां हाईस्कूल परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन चल रहा था। शिक्षकों के आग्रह पर यहां भी सभी परीक्षकों ने मूल्याकंन कार्य का बहिष्कार कर दिया।

इस अवसर पर आरपी गंगवार, सुरेश राय, दयाराम भारती, बशीर अहमद, सतीश चंद्र, अनूप गुप्ता, सुमन देवी, बाल किशन, मुसब्बिर, चमन खां सहित अन्य शिक्षक, परीक्षक मौजूद रहे। माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीकांत शर्मा के अनुसार इस घटना के विरोध में सभी शिक्षक संगठनों ने एकजुटता प्रदर्शित की है। दोनों केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया गया है।

शासन से मांग की गई कि मृतक शिक्षक का अभी करीब 28 साल का सेवाकाल शेष था। ऐसे में पूरे सेवाकाल का वेतन मुआवजा के तौर पर दिया जाए। साथ ही परिवार के एक सदस्य को क्लास टू की नौकरी दी जाए और घटना के आरोपितों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।