उद्धव ने आगे कहा कि मुझे मालूम है कि इन लोगों (बागियों को) कोई लालच दिया गया है लेकिन इन लोगों के नहीं पता है कि इनका किससे पाला पड़ा है। जब उद्धव लोगों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि मुझे नहीं पता कि इन लोगों को क्या कहना चाहिए? तो सामने से आवाज आती है – ‘गद्दार-गद्दार’। तब उद्धव कहते हैं कि यह ठप्पा इनके माथे पर लगना चाहिए। जिसे लेकर ये चारों ओर घूमते फिरें। उन्होंने अपनी कर्मों से इसे कमाया है। तभी ये जनता के प्रतिनिधि होने के बावजूद ये केंद्र सरकार की सुरक्षा लेकर घूम रहे हैं।
जन्मदिन पर पुष्पगुच्छ नहीं, शपथ चाहिए
पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का जन्मदिन 27 जुलाई को है। इससे दो दिन पहले पुनर्निर्मित शिवड़ी शाखा कार्यालय का उद्धाटन करने पहुंचे उद्धव ठाकरे ने अपने गुट के शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार उन्हें अपने जन्मदिन पर पुष्पगुच्छ नहीं चाहिए। इसके बजाय अपने शिवसैनिकों से वफादारी का शपथपत्र एवं अधिक से अधिक सदस्यता चाहिए। उद्धव ने कहा कि शिवसेना ने साधारण लोगों को असाधारण बनाया। जिसके कारण ही ये 40 लोग (बागी) विधायक बन सके। अब मौका है कि हम शिवसैनिकों की नई फौज खड़ी करें।
बता दें कि पिछले महीने से शिवसेना के 40 विधायकों ने पार्टी से बगावत कर अपना अलग गुट बना लिया है। इस गुट के नेता एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ सरकार बनाकर अब मुख्यमंत्री बन चुके हैं। अब शिंदे गुट चुनाव आयोग में पार्टी के चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ पर भी अपना दावा कर रहा है। उद्धव ने इसका उल्लेख करते हुए कहा कि यह लड़ाई अब चुनाव आयोग के पास ले जाई गई है कि असली शिवसेना उनकी ही है। ऐसे में हमें सिर्फ जोश और ताकत दिखाने के बजाय पक्के समर्थन एवं लोगों के पार्टी का सदस्य बनाने की जरूरत है।