मुंबई,। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 1,034 करोड़ रुपए के पात्रा चावल भूमि घोटाला ( Patra rice land scam case) मामले में आज (मंगलवार) शिवसेना (Shiv sena) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) की संपत्ति कुर्क की। मिली जानकारी के अनुसार इस कार्रवाई के तहत जांच एजेंसी ने संजय राउत के अलीबाग प्लॉट और दादर में एक फ्लैट को कुर्क किया है।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा था, जिसमें दावा किया गया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले की जांच कर रहा है, वह और उनके रिश्तेदार, दोस्त और उनकी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। संजय राउत ने आरोप लगाया था कि ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए ‘तिरछी मंशा’ से किया जा रहा है।
जानें क्या है मामला?
2007 में, एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की सहायक कंपनी गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को MHADA (महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा पात्रा चॉल के पुनर्विकास के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिला था। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल के 672 किराएदारों के लिए फ्लैट तैयार करना था और करीब 3000 फ्लैट म्हाडा को सौंपने थे। कुल भूमि 47 एकड़ थी। म्हाडा और पात्रा चॉल के किरायेदारों को फ्लैट सौंपने के बाद, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को शेष भूमि को बिक्री और विकास के लिए अनुमति देनी थी। लेकिन गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने म्हाडा को दिए जाने वाले पात्रा चॉल या किसी अन्य फ्लैट का विकास नहीं किया। बल्कि उसने करीब आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में जमीन बेच दी। प्रवीण राउत, जिन्हें अब ईडी ने गिरफ्तार किया है, एचडीआईएल के सारंग और राकेश वधावन के साथ फर्म के निदेशकों में से एक थे, जो पीएमसी बैंक घोटाला मामले में मुख्य आरोपी हैं।