नई दिल्ली, : शिवसेना विधायक कैलाश पाटिल ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें सूरत में कैद कर के रखा गया था। प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने बताया कि वो वहां फंस गए थे। वो करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर वहां से भागे हैं। इस दौरान उन्होंने आश्वस्त किया कि वो कभी भी उस पार्टी का साथ नहीं छोड़ेंगे, जिसने उन्हें विधायक बनाया है।
वहीं, प्रेस कांफ्रेंस में कैलाश पाटिल के साथ मौजूद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि विधायकों को गुवाहाटी से संवाद नहीं करना चाहिए। उन्हें मुंबई वापस आकर मुख्यमंत्री से पूरे मामले पर चर्चा करनी चाहिए। साथ ही राज्य में गठबंधन की सरकार को लेकर उन्होंने कहा कि अगर विधायकों की इच्छा है तो वो महा विकास आघाड़ी सरकार से बाहर निकलने पर विचार करेंगे। लेकिन इन सभी मामलों पर चर्चा करने के लिए विधायकों को यहां आकर सीएम से बात करनी होगी।
वहीं, शिवसेना के दूसरे विधायक नितिन देशमुख ने भी कैलाश पाटिल से मिलता जुलता बयान ही दिया। उन्होंने बताया कि हमें जबरन सूरत ले जाया गया, मैंने भागने की कोशिश की लेकिन सूरत पुलिस ने पकड़ लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे कोई दिक्कत न होने के बावजूद, डाक्टरों ने बताया कि मुझे दिल का दौरा पड़ा है। उनपर करीब 300-350 पुलिसकर्मी नजर रखे हुए थे। नितिन देशमुख ने बताया कि उनसे पहले विधायक प्रकाश अबितकर ने वहां से निकलने की कोशिश की थी, लेकिन वो सफल नहीं हो पाए। उन्हें सूरत के होटल में पहुंचने के बाद एमवीए सरकार के खिलाफ साजिश के बारे में जानकारी का पता चला था।