मुंबई। शेयर बाजारों में तेजी मंगलवार को भी जारी रही और दोनों सूचकांक लगातार तीसरे दिन रिकार्ड ऊंचाई पर बंद हुए। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के पूंजी प्रवाह के बीच अनुकूल घरेलू गतिविधियों से बाजार में यह तेजी आयी। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स की शुरूआत गिरावट के साथ हुई। लेकिन बाद में यह गिरावट से उबरते हुए एक समय 49,569.14 अंक के रिकार्ड स्तर तक चला गया। अंत में 247.79 अंक यानी 0.50 प्रतिशत की बढ़त के साथ 49,517.11 अंक के अब तक के सर्वोच्च स्तर पर बंद हुआ। बाजार में अच्छी हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक में लिवाली के जोर से यह तेजी आयी। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 78.70 अंक यानी 0.54 प्रतिशत की बढ़त के साथ 14,563.45 अंक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 14,590.65 अंक के रिकार्ड स्तर तक गया। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) रहा। इसमें 3.65 प्रतिशत की तेजी आयी। इसके अलावा, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, आईटीसी, एक्सिस बैंक और एनटीपीसी लाभ में रहीं। सेंसेक्स की तेजी में बड़ी हिस्सेदारी आरआईएल और एचडीएफसी बैंक की है। दूसरी तरफ जिन शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें एशियन पेंट्स, एचयूएल, नेस्ले इंडिया, टाइटन और कोटक बैंक शामिल हैं। इनमें 3.93 प्रतिशत तक की गिरावट रही। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”आरबीआई के 2021 में फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि को लेकर चिंता के बावजूद बाजार में तेजी रही। यह तेजी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वाहन कंपनियों के शेयरों की अगुवाई में आयी। कंपनियों के बेहतर तिमाही परिणाम की उम्मीद में ज्यादातर क्षेत्रों में तेजी रही। औषधि और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में कुछ लिवाली देखी गयी। उन्होंने कहा, अमेरिकी बांड पर रिटर्न में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति लौटी है। इसका प्रभाव भविष्य में उभरते बाजारों पर देखने को मिल सकता है। लेकिन एफआईआई प्रवाह मजबूत बना हुआ है और राजकोषीय प्रोत्साहन की वजह से अधिक आपूर्ति के कारण डॉलर कमजोर बना हुआ है।ÓÓ सोमवार को बाजार बंद होने के बाद जारी रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार तुलनात्मक आधार पर बैंकों का सकल एनपीए सितंबर 2021 तक बढ़कर 13.5 प्रतिशत हो सकता है जो सितंबर 2020 में 7.5 प्रतिशत था। वाल स्ट्रीट में नकारात्मक रुख और कई देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण वैश्विक स्तर पर मिला-जुला रुख रहा। विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध लिवाल बने हुए हैं। शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एफआईआई ने सोमवार को शुद्ध रूप से 3,138.90 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की लाभ में रहे जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में शुरूआती कारोबार में सकारात्मक रुख रहा। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.60 प्रतिशत की बढ़त के साथ 56.55 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे मजबूत होकर 73.25 पर बंद हुआ।
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