आगरा, । आगरा- मथुरा की सीमा पर स्थित जोधपुर झाल वेटलैंड पर प्रवासी व आवासीय पक्षियों की संकटग्रस्त प्रजातियां शरण पा रही हैं। वर्तमान में दो जोड़े फेरुगिनस बतख के जोधपुर झाल पर किलोल करते दिख रहे हैं। वेटलैंड्स और जैव विविधता का अध्ययन करने वाली संस्था बीआरडीएस द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार जोधपुर झाल पर 184 पक्षियों की प्रजातियों में से 14 प्रजातियां गंभीर व निकट संकटग्रस्त श्रेणी की हैं जिनमें 5 प्रवासी और 9 आवासीय प्रजातियां शामिल हैं। सभी वेटलैंड्स पर पक्षियों की 40 प्रतिशत से अधिक प्रजातियां शरण पाती हैं। लेकिन जोधपुर झाल के क्षेत्रफल के आधार पर जितनी संकटग्रस्त प्रजातियां पाई जाती हैं वह इस वेटलैंड के महत्व को दिखाता है।
गंभीर संकटग्रस्त सारस क्रेन की प्रजनन स्थली है जोधपुर झाल
उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी सारस क्रेन जोधपुर झाल पर प्रजनन करता है। आईयूसीएन की रेड डेटा लिस्ट के अनुसार जोधपुर झाल पर दिख रहीं गंभीर व निकट संकटग्रस्त प्रजातियों की सूचि-
इजिप्सियन वल्चर (एनडेन्जर्ड), इंडियन स्पोटिड ईगल (वल्नरेविल), सारस क्रेन (वल्नरेविल), रिवर टर्न (वल्नरेविल), काॅमन पोचार्ड (वल्नरेविल), ओरिएंटल डार्टर (नीयर थ्रेटेन्डेड), रिवर लेपविंग (नीयर थ्रेटेन्डेड), ब्लैक नेक्ड स्टार्क ( नीयर थ्रेटेन्डेड), पेन्टेड स्टार्क (नीयर थ्रेटेन्डेड), बूली-नेक्ड स्टाॅर्क ( नीयर थ्रेटेन्डेड), डालमेशन पेलिकन (नीयर थ्रेटेन्डेड), ब्लैक-टेल्ड गोडविट (नीयर थ्रेटेन्डेड), फेरुगिनस डक (नीयर थ्रेटेन्डेड) , ब्लैक-हेडेड आईबिश (नीयर थ्रेटेन्डेड)