नई दिल्ली, । गृह मंत्रालय ने संसद (Parliament Session 2022) में बताया है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान 22 आईपीएस अधिकारियों (IPS Officers) के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के चलते विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
राज्यसभा में पूछा गया था सवाल
दरअसल, राज्यसभा में सवाल पूछा गया था कि बीते पांच सालों के दौरान कितने आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है? इसके जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा, ‘साल 2017 से 30 मार्च 2022 तक 22 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों में केस दर्ज किया गया है।’
यूपी में एक आईपीएस भगोड़ा घोषित
वहीं, उत्तर प्रदेश में भगोड़े घोषित आईपीएस अधिकारियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एक आईपीएस अधिकारी को भगोड़ा घोषित किया गया है।
यह भी पूछा गया कि क्या यह सच है कि देश में पुलिस बल में आपराधिकता में संलिप्तता के मामले बढ़ रहे हैं और क्या इस तरह की बढ़ती प्रवृत्ति के कारणों का पता लगाने के लिए कोई अध्ययन किया गया है। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची- II (राज्य सूची) के तहत पुलिस राज्य का विषय है। यह प्राथमिक रूप से राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की जिम्मेदारी है कि वे पुलिस बल में अपराध में शामिल होने के मामले दर्ज करें।’
हालांकि, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 2018 से 2020 की अवधि के दौरान चार्जशीट किए गए मामलों की संख्या में गिरावट आई है।