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संसद में महिला MPs से धक्कामुक्की के आरोपों पर विपक्ष को 8 मंत्रियों का जवाब


  • नई दिल्ली. मानसून सत्र (Monsoon Session) के आखिरी दिन राज्यसभा (Rajya sabha) में महिला सांसदों के साथ हुई कथित धक्कामुक्की पर सरकार ने पक्ष रखा. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मेघवाल,धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव , वी मुरलीधरन, अनुराग ठाकुर और प्रह्लाद जोशी ने प्रेस वार्ता की और विपक्ष के आरोपों को खारिज किया. प्रेस वार्ता की शुरुआत में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को ना तो जनता के हित, ना ही टैक्सपेयर के पैसे की और ना ही संवैधानिक मूल्यों की फिक्र थी. जो घटा वह बहु शर्मसार था. उन्होंने कहा विपक्ष घड़ियाली आंसू बहाने की जगह देश से माफी मांगे. उन्होंने कहा विपक्ष का रवैया शर्मासार करने वाला और अराजकता भरा था.

ठाकुर के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हमने हर रोज बात करने की कोशिश की थी कि हम चर्चा करेंगे. सदन के पहले दिन जब मंत्रियों का परिचय कराना था वह तक नहीं हुआ और विपक्ष ने काम में रुकावट डाली. जोशी ने कहा कि विपक्ष देश से माफी मांगे. हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार थे. विपक्ष ने कई बिल पास नहीं होने दिए और वह चर्चा से भागा. जोशी ने कहा कि हमें ‘धमकी’ दी गई अगर ओबीसी बिल पास होने के बाद कोई और विधेयक पास कराने की कोशिश की जाएगी तो और भी ज्यादा बुरा हो जाएगा. और अब वह कह रहे हैं कि बिल हंगामों के बीच पास हो गया.

राहुल गांधी के बयान पर जोशी ने कहा कि लोकसभा-राज्यसभा ने इन दलों का क्या व्यवहार था. यह सब देश देख रहा है. मेरी मांग है कि अगर वह सदन की गरिमा और लोकतंत्र का सम्मान करते हैं तो वह माफी मांगें. जोशी ने कहा कि राज्यसभा में जो हुआ इसके लिए हम चेयरमैन से मांग करते हैं कि सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि किसी भी सरकार हो, ऐसा कृत्य दोबारा ना दोहराया जा सके.

चेयर और सेक्रेटी जनरल पर कातिलाना हमले हुए- गोयल
वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हम आज बहुत पीड़ा के साथ आपके सामने आए हैं. दोनों सदनों को चलने नहीं दिया गया. राज्यसभा में विपक्ष का जो व्यवहार रहा है, उससे आज पूरे सदन की गरिमा टूटी है. गिरी है. चेयरमैन की डिग्निटी को भी कम किया है. शुरू से ही इनका मंशा स्पष्ट थी कि यह सत्र खराब करना था.

गोयल ने कहा कि सदन से सस्पेंड होने के बाद 6 सांसदों का मोबाइल से शीशा तोड़ना और महिला मार्शल को नुकसान पहुंचाना निंदनीय है. 9 अगस्त की घटना के संदर्भ में गोयल ने कहा कि जिस तरह से रूल बुक चेयर की ओर फेंकी गई अगर, वहां चेयरमैन बैठे होते तो उनको नुकसान हो सकता था. सेक्रेटरी जनरल को भी चोट लग सकती थी. चेयर और सेक्रेटी जनरल पर कातिलाना हमले किए गए.