वाराणसी

सब्जी की खेती से बढ़ेगी किसानों की आय


भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने दिया 27 किसानों को प्रशिक्षण

वाराणसी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा.कृ.अनु.पं.) के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने ओडिशा के देवघर जिले से आए 27 प्रगतिशील किसानों को सब्जी की उन्नत खेती का प्रशिक्षण दिया। 6 से 12 अक्टूबर, 2025 तक चले इस सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को पारंपरिक धान की खेती से हटकर सब्जी फसलों के माध्यम से फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित करना था, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके।

प्रशिक्षण के दौरान, संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों को सब्जी उत्पादन की नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी। इसमें समेकित कीट एवं रोग प्रबंधन, जैविक खेती, सब्जी के पौधों की ग्राफ्टिंग, उन्नत बीज उत्पादन, पॉलीहाउस जैसी संरक्षित खेती, मशरुम उत्पादन और सब्जियों के प्रसंस्करण व विपणन जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। किसानों को व्याख्यान के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान भी दिया गया ताकि वे इन तकनीकों को आसानी से अपने खेतों में अपना सकें।

संस्थान के निदेशक, डॉ. राजेश कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए निर्यात योग्य और रंग-बिरंगी सब्जियों की खेती पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “आज के समय में ताजी सब्जियों की मानक गुणवत्ता बनाए रखना और उनका प्रसंस्करण कर मूल्य संवर्धन करना बाजार की सबसे बड़ी मांग है।”

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक एवं प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. नीरज सिंह ने बताया कि किसान अगर बाजार का सही अवलोकन करें, प्रमाणित बीजों और दवाओं का इस्तेमाल करें तथा सामूहिक खेती करें तो वे सीधे निर्यातक से जुड़कर अधिक लाभ कमा सकते हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसान अतिरिक्त आय के लिए ककड़ी, खरबूजा, तरबूजा आदि के बीजों से कवच हटाकर उन्हें अधिक मूल्य पर बेच सकते हैं।

कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागी किसानों को संस्थान के निदेशक द्वारा प्रमाण पत्र, बैग और किचेन पैकेट वितरित किये गये।