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सभी थानों में जब्त कर रखी स्पिरिट होगी नष्ट, जहरीली शराब से मौतों के बाद जाग रही सरकार


पटना, । सारण में जहरीली शराब को बनाने में थाने में जब्त स्पिरिट के इस्तेमाल की आशंका के बाद मद्य निषेध, उत्पादन एवं निबंधन विभाग ने बड़ा आदेश दिया है। राज्य के सभी पुलिस और उत्पाद थानों में जब्त कर रखी गई स्पिरिट की जांच करने और एक सप्ताह के अंदर उस स्पिरिट को नष्ट करने का निर्देश दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करने को भी कहा गया है।

विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है कि सारण में जहरीली शराब से जो मौतें हुई हैं, उसे देखते हुए यह अनुरोध है कि अपने जिले में उत्पाद थाने तथा पुलिस थाने के मालखानों का दंडाधिकारियों की टीम गठित कर अविलंब गहन निरीक्षण कराएं। इस निरीक्षण में मालखाने में जो भी जब्त स्पिरिट पड़ी हुई है, उसका सैंपल तुरंत विभाग के केंद्रीय लैब में अविलंब भिजवाया जाए। सैपंल भेजने के लिए 48 घंटे की समयसीमा दी गई है।

नष्ट कर विशेष न्यायालय को देनी होगी सूचना

आदेश में कहा गया है कि जब्त स्पिरिट चाहे उत्पाद थाने की हो या पुलिस थाने की, उसे तुरंत विनष्ट कराया जाए। न्यायालय के आदेश से स्पिरिट प्रदर्श के रूप में हो या वर्ष 2016 के पहले से जब्त हो, उसका भी सैंपल बचाकर बाकी स्पिरिट को नष्ट किया जाए और इसकी सचूना विशेष न्यायालय को दी जाए। स्पिरिट को नष्ट करने की कार्रवाई प्राथमिकता के आधार पर एक सप्ताह के अंदर सुनिश्चित करने को कहा गया है।

मशरक थाने से जब्त स्पिरिट गायब

सारण में जहरीली शराब से मौत के बाद जब पूरे मामले की जांच की गई तो इसमें थाने में जब्त स्पिरिट से शराब बनाए जाने की आशंका सामने आई है। मशरक थाने के मालखाने में रखी गई जब्त स्पिरिट के कंटेनर से ढक्कन गायब मिले हैं। कई कंटेनर से जब्त स्प्रिट भी गायब है। बताया जाता है कि जब्त स्पिरिट कोर्ट साक्ष्य के रूप में रखी गई थी। प्रारंभिक रिपोर्ट में मिली इस गड़बड़ी के बाद ही विभाग ने नया निर्देश जारी किया है।

एसआईटी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार

बिहार के सारण जिले में हुए जहरीली शराब कांड की एसआइटी से जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका बिहार स्थित आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन ने दाखिल की है। इसमें राज्य सरकार को मृत लोगों के स्वजन को उचित मुआवजा देने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।

शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया गया, लेकिन पीठ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इन्कार कर दिया। मामले का उल्लेख करने वाले वकील पवन प्रकाश पाठक से पीठ ने कहा कि मामले को सूचीबद्ध कराने के लिए याचिकाकर्ता को समुचित प्रक्रिया से गुजरना होगा।

सर्दियों की दो हफ्ते की छुट्टियों से पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में आखिरी कार्यदिवस था, अब सुप्रीम कोर्ट दोबारा दो जनवरी को खुलेगा। शीर्ष कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र और राज्य सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है। इसमें कहा गया है कि जहरीली शराब की बिक्री और उपभोग पर रोक लगाने के लिए बहुआयामी योजना की जरूरत है।

एनएचआरसी का बिहार सरकार व पुलिस प्रमुख को नोटिस

सारण के जहरीली शराब कांड पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लिया है और बिहार के मुख्य सचिव व डीजीपी को नोटिस जारी किया है। आयोग का कहना है कि इस बारे में मीडिया रिपोर्ट्स अगर सही हैं तो यह मानवाधिकारों के लिए चिंताजनक है।

इस बारे में खबरें प्रदेश सरकार की शराब पर प्रतिबंध की उसकी नीति को लागू करने की विफलता का संकेत देती हैं। आयोग ने नोटिस का जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है और इसमें एफआइआर, अस्पताल में भर्ती लोगों की स्थिति व प्रदान किए गए मुआवजे (अगर दिया गया हो) का विवरण मांगा है।

भाजपा नेताओं के संरक्षण में चल रहा शराब का कारोबार : पप्पू यादव

सारण शराब कांड पर भाजपा नेताओं की बयानबाजी के बीच जनअधिकार पार्टी (जाप) ने भाजपा पर पलटवार किया है। शुक्रवार को पटना में पप्पू यादव ने कहा कि छपरा में शराब का पूरा कारोबार वहां के जनप्रतिनिधियों के आड़ में चल रहा है।

भाजपा के 60 प्रतिशत से ज्यादा जिलाध्यक्ष शराब मामले में पकड़े गए। अब किस मुंह से दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं। पप्पू ने कहा कि स्थानीय नेताओं का शराब कारोबार में लिप्त लोगों से रिश्ता है। उन्होंने इस पूरे कांड में वहां के स्थानीय नेताओं की संलिप्तता की जांच कराने की मांग की। मशरक के सभी पूर्व थानाध्यक्षों की संपत्ति की जांच कराने की भी मांग की।