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सम्मान के बाद पीएम मोदी ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के जीर्णोद्धार में लगे श्रमजीवियों के साथ किया भोजन


वाराणसी, । देश के कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसी भी बड़े आयोजन के बाद उसके निर्माण तथा जीर्णोद्धार में लगे कर्मकार तथा कर्म साधकों का सम्मान तथा स्वागत करना नहीं भूलते हैं। पीएम मोदी ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में सोमवार को बड़े सम्मान के बाद जीर्णोद्धार में लगे श्रमजीवियों के साथ भोजन भी किया। इससे पहले प्रयागराज के कुंभ के बाद उन्होंने सफाई के काम में लगे कर्मियों का पांव धुलने के साथ उनको सम्मानित भी किया था।

प्रधनमांत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पूजा-अर्चना के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के चौक में इस पावन धाम के निर्माण में लगे श्रमिकों तथा कामगारों पर पुष्प वर्षा की। प्रधानमंत्री ने समाज में काफी नीचे रहने वाले लोगों को आज अपने पास बैठाने के साथ उन पर पुष्प वर्षा भी की। इतना ही नहीं पीएम ने इन लोगों के साथ दोपहर में भोजन भी किया। प्रधानमंत्री के इस आचरण से ऊंची-नीच और छोटे-बड़े वर्ग के बीच खाई भी पटती नजर आई।

प्रधानमंत्री भोजन से पहले सभी कार्मिकों के पास गए और कुछ से को उन्होंने बात भी की। कुछ ने तस्वीर खिंचवाने की इच्छा जताई तो प्रधानमंत्री ने मना नहीं किया और ग्रुप फोटो भी कराई। इनमें निर्माण करने वाले श्रमिकों के साथ सफाई कर्मी भी थे। इन सभी पर पीएम मोदी ने काफी देर तक पुष्पवर्षा भी की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वहां पर लगी अपनी कुर्सी हटाई और कामगार तथा सफाईकर्मी साथियों के बीच जाकर बैठ गए। इससे संदेश साफ है कि हम सभी सनातनी एक हैं। हम लोगों में ना कोई दूरी नहीं है और ना ही कोई भेदभाव।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज हर उस श्रमिक भाई-बहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिनका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के इस विपरित काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया, हमारे कारीगर, हमारे सिविल इंजीनयरिंग से जुड़े लोग, प्रशासन के लोग, वो परिवार जिनके यहां घर थे सभी का मैं अभिनंदन करता हूं।

वह इनके बीच रहकर काफी आनंदित महसूस भी कर रहे थे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं सभी श्रमिक साथियों का भी अभिनंदन करना चाहता हूं, जो यहां पर लगे थे। उन्होंने कहा कि मुझे अभी इन सभी का आशीर्वाद लेने का मौका मिला। यह सब वंदनीय हैं, जिन्होंने कोरोना संक्रमण काल में भी यहां पर काम को रूकने नहीं दिया है। यहां के काम में लगे सिविल इंजीनियर्स का काम भी वंदनीय है।