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सरकार की गाइडलाइंस के बाद भी हाल में ठीक हुए लोग लगवा रहे वैक्सीन,


  • केंद्र सरकार ने 19 मई को कहा था कि कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को कम से कम तीन महीने के बाद ही वैक्सीन लेनी चाहिए. इसके अलावा सरकार ने अपनी नई गाइडलाइंस में यह भी कहा था कि वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद कोई अगर संक्रमित हुआ हो तो उसे ठीक होने के बाद 3 महीने तक दूसरी डोज नहीं लगानी चाहिए. हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद भी संक्रमण से ठीक हुए लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं. वैक्सीनेशन के लिए CoWin वेबसाइट पर अभी तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है कि ऐसे लोगों के वैक्सीनेशन को रोका जा सके.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोग संक्रमण से ठीक होने के बाद वैक्सीन ले रहे हैं. दिल्ली के कृष्णानगर इलाके के रहने वाले 26 साल के अंश कोरोना संक्रमित होने के बाद 30 अप्रैल को निगेटिव आए थे. लेकिन अंश और उसके पिता ने 24 मई को दिल्ली के एक वैक्सीनेशन सेंटर पर अपनी पहली डोज लगवाई. अंश ने बताया, “हमने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए वैक्सीन लगाने का फैसला किया. कोविन पर रजिस्टर करने के बाद हमें 24 मई का स्लॉट मिला.”

उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करने के दौरान ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं है, जिससे कोविड-19 से हाल में ठीक हुए लोगों को स्लॉट मिलने से रोका जा सके. अंश ने कहा, “वैक्सीनेशन सेंटर पर भी मुझसे कोरोना संक्रमित होने के बारे में नहीं पूछा गया. जबकि कोविन पर रजिस्ट्रेशन और आरटी-पीसीआर जांच के वक्त भी मैंने अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था.”

एक्सपर्ट ग्रुप की सिफारिश पर लिया गया फैसला

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि तीन महीने तक वैक्सीन नहीं लेने का फैसला कोविड-19 वैक्सीनेशन पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप की सिफारिशों के बाद लिया गया. मंत्रालय ने कहा था कि ये सिफारिशें कोविड-19 महामारी की उभरती स्थिति और उभरते वैश्विक वैज्ञानिक साक्ष्य और अनुभव पर आधारित हैं. सरकार ने कहा कि कोविड से ठीक हो चुके लोगों में पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती है, जो उन्हें दोबारा संक्रमण से कम से कम तीन महीनों तक सुरक्षा देगी. इसलिए, संक्रमण के ज्यादा जोखिम वाले लोगों को पहले वैक्सीनेट कर उनका बचाव किया जा सकता है.