पटना

‘सशक्तीकरण का मतलब जिम्मेदारियों को नकारना नहीं’


पटना (आशिप्र)। सशक्तीकरण का मतलब सामाजिक जिम्मेदारियों को नकारना नहीं है। महिलाओं ने सभी क्षेत्रों में अपने को साबित कर दिया है। महिलाएं स्पॉन्ज की तरह होती हैं, जो बिना कुछ दिखाये अपने में सब सोख सकती हैं। हमारा लक्ष्य उस समाज की तरफ बढऩा होना चाहिये, जो लिंग के प्रति तटस्थ हो। ये बातें भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी श्रीमती ताबिश बहल पाण्डेय ने मंगलवार को यहां ए. एन. कॉलेज में एनएसएस द्वारा जेंडर इक्वैलिटी पर आयोजित इंटरेक्टिव सेशन में कहीं। वह समारोह की मुख्य अतिथि थीं।

प्रधानाचार्य प्रो. शशि प्रताप शाही ने कहा कि अंतर्राष्ट्र्रीय महिला दिवस वह दिन है, जो विशेष रूप से महिलाओं को समर्पित है, ताकि हम उनके द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा कर सकें। प्रधानाचार्य प्रो. शाही ने कहा कि महाविद्यालय के विकास में यहां की महिला शिक्षिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

कार्यक्रम का संचालन एनएसएस की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. रत्ना अमृत ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नूपुर बोस ने किया।  इस अवसर पर प्रो. तृप्ति गंगवार, प्रो.नरेंद्र कुमार, एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अभिषेक दत्त,डॉ. सीमा प्रसाद, डॉ. शबाना करीम, डॉ. भावना निगम, डॉ.ज्योति पांडेय एवं डॉ. कंचन कुमारी भी उपस्थित थीं।