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सांसद से पूर्व सांसद हुए राहुल गांधी, कांग्रेस बोली- भारतीय लोकतंत्र ओम शांति


नई दिल्ली, । राहुल गांधी अब सांसद से पूर्व सांसद हो गए हैं। राहुल को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। मानहानि केस में दो साल की सजा मिलने के बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गई है।

जरूरत पड़ी तो जाएंगे जेल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भाजपा उन्हें अयोग्य ठहराने के सभी तरीके आजमाए। जो सच बोल रहे हैं उन्हें वो रखना नहीं चाहते, लेकिन हम सच बोलते रहेंगे। हम जेपीसी की मांग जारी रखेंगे, जरूरत पड़ी तो लोकतंत्र बचाने के लिए जेल जाएंगे।

भारतीय लोकतंत्र ओम शांति

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे। हम डरने या चुप रहने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री से जुड़े अदाणी महाघोटाले में जेपीसी के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य करार दिया गया है। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।”

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लोकतंत्र विरोधी भाजपा सरकार

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जिस दिन से राहुल गांधी ने अदाणी, पीएम के खिलाफ सवाल उठाए। राहुल गांधी को चुप कराने के लिए इस प्रकार की साजिश शुरू की गई। यह भाजपा सरकार के लोकतंत्र विरोधी, तानाशाही रवैये का स्पष्ट मामला है।

महाराष्ट्र कांग्रेस ने की निंदा

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, “राहुल गांधी को अयोग्य घोषित करने के तरीके की हम निंदा करते हैं। सूरत कोर्ट के फैसले के आधार पर मोदी सरकार के दबाव में लोकसभा ने उन्हें अयोग्य घोषित किया। अगर किसी को ‘चोर’ कहने पर कार्रवाई की जाती है तो हम उन्हें डाकू कहेंगे।”

क्या बोले दिग्विजय सिंह?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर मोदी जी का मन साफ होता और हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अदाणी के घपले नहीं होते, तो क्या कोई प्रधानमंत्री इस बात पर चर्चा करने से पीछे हटता। राजीव गांधी पर भी आरोप लगा था, लेकिन वे बेदाग निकले। सात बार लोकसभा में जेपीसी हो चुकी है, फिर ये क्यों डरते हैं?

लोकतंत्र का निम्न स्तर: ममता बनर्जी

पीएम मोदी के नए इंडिया में विपक्षी नेता भाजपा का मुख्य निशाना हैं। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य ठहराया जाता है। आज, हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक निम्न स्तर देखा है।