संयुक्त किसान मोर्चा पर प्रदर्शन को तेज करने के संबंध में अहम निर्णय लेने का दबाव है। हरियाणा के संगठनों ने प्रदर्शन को लेकर अपने प्रस्ताव भी मोर्चा को दिए हैं। बताया जाता है कि इसमें प्रदर्शन को तेज करने के साथ ही इसका दायरा भी बढ़ाने की बात कही गई है। जीटी रोड के साथ ही कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस-वे को भी जाम करने और दिल्ली के अंदर प्रदर्शन शुरू करने पर भी कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं। धान कटाई व गेहूं बुआई का काम पूरा होने के बाद एक बार फिर से प्रदर्शन स्थलों पर भीड़ बढ़ाने के लिए मोर्चा अपील कर रहा है।
ज्ञात हो कि कृषि सुधार कानूनों के विरोध में पिछले वर्ष 26 नवंबर को प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा में प्रवेश किया था और अगले दिन कुंडली बार्डर पर जीटी रोड जाम कर प्रदर्शन शुरू किया था। इस दौरान अब तक मोर्चा के नेताओं और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। 22 जनवरी को आखिरी दौर की बातचीत हुई है। इसके बाद 26 जनवरी को प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से बातचीत का सिलिसला बंद है। मोर्चा के नेताओं का कहना है कि 26 जनवरी केे बाद से बातचीत को लेकर गतिरोध बना हुआ है। सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। इसलिए अब प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा। इसके लिए बार्डरों पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ाने पर सभी नेता जोर दे रहे हैं।