सीएम ने कहा कि जब शराबबंदी लागू हुआ तब नौ जगहों की यात्रा की थी। इसबार 12 जगहों पर जाना है। आज पांचवीं जगह है। इस अभियान का नाम समाज सुधार अभियान इसलिए रखा गया ताकि इसे घर-घर तक पहुंचाया जा सके। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इस अभियान को पूरी तरह लागू किया जाएगा। यह बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने 1977 में इसे लागू किया था। दो-ढ़ाई साल के बाद जब वे मुख्यमंत्री नहीं रहे तो बाद में आने वाले लोगों ने इसे समाप्त कर दिया। बाद में 9 जुलाई 2015 को पटना में श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में महिला विकास निगम और पीडीआइएफडी के ग्राम वार्ता कार्यक्रम मैंने इसे लागू करने का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद इसे कर दिखाया। शुरू में विभाग की जवाबदेही केके पाठक को ही दी गई थी। बाद में कानून बनाकर सभी दलों ने एक साथ इसके लिए शपथ लिया। हम कोई बात नहीं भूलते हैं। शराब पीने से किसी की तबियत ठीक नहीं होती है। उस समय कई लोग कहते थे कि जो बीमार हैं उसे पीने की इजाजत मिलनी चाहिए, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।