सुरेंद्रन ने कहा, इस बैंक घोटाले के पीछे मोइदीन के रिश्तेदार करीबी सहयोगी हैं वर्तमान अपराध शाखा की जांच का कोई फायदा नहीं होगा केंद्रीय एजेंसियों के नेतृत्व वाली जांच समय की जरूरत है। हम एक विरोध शुरू करने जा रहे हैं।
त्रिशूर बैंक उन 106 सहकारी बैंकों में से एक है, जो सीधे सीपीआई-एम के नियंत्रण में हैं, जो वामपंथी पार्टी की गलत कमाई का अड्डा हैं।
सुरेंद्रन ने कहा, केवल केंद्रीय एजेंसी की जांच से ही सच्चाई सामने आएगी क्योंकि कुछ आरोपी पहले ही देश छोड़ चुके हैं कुछ छिपे हुए हैं।
त्रिशूर करावनूर सहकारी बैंक तब सामने आई जब स्थानीय सहकारी अधिकारियों ने एक शिकायत के बाद निरीक्षण किया कि बैंक में सब कुछ ठीक नहीं था।