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सीमा पर मदरसों की संख्या और बिगड़ते जनसंख्या संतुलन से बढ़ी चिंता,


नई दिल्ली, । पड़ोसी देश नेपाल से भारत के रिश्ते मित्रवत रहे हैं। दोनों देशों में रोटी-बेटी का रिश्ता माना जाता रहा है। बीते सप्ताह ही नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भारत आए। धार्मिक मैत्री व आस्था को नया आयाम देते हुए बिहार के जयनगर से नेपाल के जनकपुर तक ट्रेन सेवा का शुभारंभ भी किया गया लेकिन एक विषय चिंताजनक है, सीमा से जुड़े भारतीय जिलों में मदरसों की बढ़ी संख्या व बदलती जनसांख्किीय। बीते कुछ वर्ष में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में नेपाल सीमा के पास मदरसों और मस्जिदों की संख्या में वृद्धि हुई है।

उप्र: खुफिया विभाग ने जताई चिंता

सात जिलों से सटी नेपाल की 550 किलोमीटर सीमा जनसंख्या संतुलन के लिए संवेदनशील होती जा रही है। कुछ क्षेत्रों में मु्स्लिम आबादी बढ़ी है।मदरसों और मस्जिदों की बढ़ती संख्या भी चिंता का विषय है। खुफिया इकाइयों ने यहां आबादी के बिगड़ते संतुलन को लेकर चिंता जताई है। गोरखपुर और उसके आसपास के जनपदों से सटी नेपाल सीमा अधिक संवेदनशील है।