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सुखद भविष्‍य के लिए यूरोप की राह पकड़ने वालों के लिए भूमध्‍य सागर फिर बना काल, नाव डूबने से 71 की मौत


न्‍यूयार्क (यूएन)। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने बताया है कि भूमध्य सागर में सीरिया तट के निकट एक नाव के डूब जाने से इसमें सवार कई प्रवासियों की मौत हो गई है। यूएन की जानकारी के मुताबिक अब तक 71 प्रवासियों के शवों को बरामद किया जा चुका है। यूएन एजेंसियों ने इस घटना को बड़ी त्रासदी बताते हुए इस पर चिंता जाहिर की है। यूएन ने विश्‍व समुदाय से अपील की है कि ऐसे लोग जो अपना घर छोड़कर दूसरे देशों में जानें को मजबूर होते हैं और खतरनाक तरीके अपनाते हैं उनके हालातों को बेहतर बनाने के लिनए काम किए जाने चाहिए। आपको बता दें कि भूमध्‍य सागर में घटी ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी भूमध्‍य सागर कई बार लोगों की जान ले चुका है। ये हादसा ऐसे समय में हुआ है जब न्‍यूयार्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र के 77वें सत्र की आम सभा में हिस्‍सा लेने के लिए दुनियाभर के देशों के नेता वहां पर मौजूद हैं। 

प्रवासी बने हादसे का शिकार

इस तरह की घटनाओं में मारे जाने वाले लोग अक्‍सर सीरिया या दूसरे युद्ध प्रभावित इलाकों के होते हैं जो यूरोप में घुसने के लिए इस मार्ग का सहारा लेते हैं। ये बेहद खतरनाक तरीका है जिसमें अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। अंतरराष्‍ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM), यूएन शरणार्थी एजेंसी UNHCR, और UNRWA के मुताबिक भूमध्‍य सागर में जो नाव पलटी थी वो लेबनान के मिनियेह बन्दरगाह से यूरोप के लिये रवाना हुई थी। इस नाव पर करीब 170 लोग सवार थे। इनमें अधिकतर सीरियाई, लेबनानी, और फलस्तीनी लोग शामिल थे। यूएन एजेंसियों के मुताबिक कम से कम 20 लोगों को अस्‍पतालों में भर्ती किया गया है। इनकी हालत गंभीर बताई गई है।

नाव पर सवार थे अधिक लोग

अब तक ये साफ नहीं हुआ है कि आखिर ये नाव भूमध्‍य सागर में कैसे डूबी। शुरुआती आकलन के मुताबिक नाव पर अधिक लोगों के सवार होने की वजह से ये हादसा हुआ होगा। राहत और बचाव दल के रूप में लेबनान ने अपनी तीन एजेंसियों को इसमें लगाया है। इसके अलावा दूसरे देशों की एजेंसियां भी काम कर रही हैं। सीरिया में यूएनएचसीआर भी इस काम में जुटी है।

दिल दहलाने वाली घटना

यूएन की शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी ने इस घटना को दिल दहलाने वाली करार दिया है। उन्होंने कहा है कि विस्‍थापितों के लिए सभी देशों को आगे आने और काम करने की जरूरत है। बता दें कि मध्‍य एशिया समेत दूसरे देशों के आर्थिक हालात इस कदर खराब हैं कि लोग अपने उज्‍जवल भविष्‍य के लिए यूरोप की राह पकड़ते रहते हैं। IOM प्रमुख ने भी इस घटना पर दुख व्‍यक्‍त किया है।