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सुप्रीम कोर्ट में एक सितंबर से होगी फिजिकल हियरिंग की शुरुआत,


  • सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने वर्चुअल सुनवाई (Virtual Hearing) के विकल्प के साथ मामलों की फिजिकल हियरिंग (Physical Hearing) एक सितंबर से शुरू करने के लिए एसओपी अधिसूचित किया है. कोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार फिजिकल हियरिंग को धीरे-धीरे फिर से शुरू करने के लिए अंतिम सुनवाई या नॉन मिसलेनियस दिनों में सूचीबद्ध नियमित मामलों को फिजिकली सुना जा सकता है.

अधिकारी ने कहा कि मामले में पक्षों की संख्या के साथ-साथ कोर्ट रूम की सीमित क्षमता को देखते हुए संबंधित बेंच निर्णय ले सकती है. किसी भी अन्य मामले को ऐसे दिनों में फिजिकल मोड में सुना जा सकता है, अगर माननीय पीठ इसी तरह निर्देश देती है. बाकि दिनों में लिस्टेड सभी मामलों को वीडियो / टेलीकांफ्रेंसिंग मोड के माध्यम से सुना जाना जारी रहेगा. हाइब्रिड विकल्प के साथ शारीरिक सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के महासचिव ने एसओपी जारी किया है.

फिजिकल हियरिंग दौरान किन लोगों को प्रवेश की अनुमति

एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) को शीर्ष अदालत के पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने और 24 घंटे / 1.00 बजे के भीतर भौतिक मोड या वीडियो / टेलीकांफ्रेंसिंग मोड के माध्यम से संबंधित अदालत के समक्ष पेश होने के लिए अपनी प्राथमिकताएं जमा करने की आवश्यकता होती है। अंतिम सुनवाई/नियमित मामलों की साप्ताहिक सूची के हर पक्ष की तरफ से एक जूनियर वकील को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. दोनों पार्टियों का एक रजिस्टर्ड क्लर्क को ही कोर्ट रूम में प्रवेश की अनुमति होगी.

वर्चुअल सुनवाई दौरान होती थी कई तरह की परेशानियां

पिछले 16 महीनों से अब तक सुप्रीम कोर्ट अपने ही तकनीकी विशेषज्ञों के हाथों विकसित वीडियो एप के जरिए सुनवाई कर रहा था और वकील इसी के जरिए सुनवाई की प्रक्रिया देख पा रहे थे. वीडियो में एप में आए दिन कोई न कोई लोचा रहता ही है. कभी ऑडियो आ रहा है तो वीडियो गायब, कभी सिर्फ वीडियो ही आ रहा है. कभी दोनों गायब कभी कुछ तो कभी कुछ. हालांकि, इन सब के बाद अब एक सितंबर से सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल हियरिंग शुरू हो जाएगी.