पटना

सृजन घोटाला: डीआरडीए को बैंक वापस करे 90 करोड़ रुपये


भागलपुर। सृजन घोटाले के तहत डीआरडीए से हुई अवैध निकासी मामले में दर्ज नीलाम पत्र की सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गयी। नीलाम पत्र पदाधिकारी सह डीडीसी सुनील कुमार ने इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को 30 दिनों के अंदर 89 करोड़ 83 लाख नौ हजार 411 रुपये वापस करने का आदेश दिया है।

डीआरडीए की राशि सृजन महिला विकास सहयोग समिति में ट्रांसफर कर दी गयी थी। राशि वसूली के लिए डीआरडीए निदेशक प्रमोद कुमार पांडेय ने इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विरुद्ध दो अलग-अलग नीलाम पत्र जून, 2020 में दायर किया था। सुनवाई के दौरान दोनों तरफ से लिखित पक्ष रखा गया। आदेश में नीलाम पत्र पदाधिकारी ने इंडियन बैंक को 49 करोड़ 64 लाख नौ हजार 674 रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा को 40 करोड़ 18 लाख 99 हजार 737 रुपये डीआरडीए को वापस करने को कहा है।

आदेश में कहा गया है कि डीआरडीए द्वारा राशि विहित प्रक्रिया के तहत बैंक में जमा किया गया था। इसकी सुरक्षा की पूर्ण जवाबदेही बैंक की थी, जिसमें बैंक विफल रहा। बैंक द्वारा बैंकिंग नियमों के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वाहन नहीं किया गया। बैंकिंग नियमों के उल्लंघन का स्पष्ट मामला परिलक्षित होता है। बैंक राशि की भरपाई के लिए पूर्ण रूपेण जवाबदेह है।

नीलाम पत्र पदाधिकारी ने बैंकों द्वारा दायर आपत्ति को खारिज करते हुए आदेश निर्गत होने के 30 दिनों के अंदर वसूलनीय राशि डीआरडीए ( जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, भागलपुर) को वापस करने का आदेश दिया है। नीलाम पत्र पदाधिकारी ने कहा कि समय सीमा के अंदर बैंकों को राशि वापस करने का आदेश दिया गया है।

नीलाम पत्र वाद की अगली तिथि 26 अप्रैल निर्धारित की गयी है। बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के अधिवक्ता केशव झा ने बताया कि आदेश पारित होने की जानकारी दी गयी है। निर्णय की प्रति लेकर अवलोकन किया जाएगा। इसके बाद हाईकोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील की जाएगी।

कल्याण कार्यालय ने राशि की वसूली के लिए पांच नीलाम पत्र दायर किया था, जिसमें नीलाम पत्र पदाधिकारी सह डीडीसी ने फरवरी 2020 में 221 करोड़ 60 लाख रुपये वापस करने का आदेश बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया को दिया था। एक अन्य नीलाम पत्र में स्वास्थ्य विभाग को भी 44 लाख 83 हजार रुपये वापस करने का आदेश दिया गया था। हालांकि अभी तक बैंकों द्वारा संबंधित कार्यालयों को राशि वापस नहीं की गयी है।

इसके अलावा राशि वसूली के लिए जिला नजारत शाखा, जिला भू-अर्जन कार्यालय, जिला परिषद और डूडा द्वारा कोर्ट में मनी सूट किया गया है। संबंधित मामलों में कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सृजन घोटाला को लेकर दर्ज प्राथमिकी की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है, लेकिन राशि वसूली के लिए विभिन्न विभागों द्वारा मनी सूट और नीलाम पत्र दायर किया गया है। हालांकि अभी तक किसी विभाग को राशि वापस नहीं हुई है।