नयी दिल्ली। सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत की ताकत को पूरी दुनिया जानती है लेकिन अब डिजिटल दुनिया के मौजूदा दौर में भारत को हार्डवेयर के क्षेत्र में भी अपनी मजबूत क्षमता को विकसित करना चाहिये क्योंकि डेटा रखरखाव और डेटा प्रबंधन में हार्डवेयर प्रौद्योगिकी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। डेटा संरक्षण विधेयक पर गठित संसदीय समिति की चेयरपर्सन और भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को यह कहा। लेखी ने इस बात का उल्लेख किया कि आज जितने बड़े पैमाने पर डेटा का उपयोग हो रहा है और जितने बड़े स्तर पर इसकी खपत हो रही है, उनके मद्देनजर डेटा की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक व्यापक विधेयक की आवश्यकता सामने आई है। उन्होंने कहा कि आज नई-नई प्रौद्योगिकियों का अविष्कार हो रहा है। चाहे वह कृत्रिम मेधा (एआई) हो, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) की बात हो या फिर क्लाउड कप्यूटिंग हो, इन सबके आने से डेटा की सुरक्षा जरूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि डेटा प्रबंधन और संचार में गड़बड़ी और छलकपट से लोकतांत्रिक मूल्यों को भारी नुकसान हो सकता है। ऐसा यदि हुआ तो मुक्त और साफ-सुथरे चुनाव को भी क्षति पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित डेटा संरक्षण विधेयक ऐसे ही मौजूदा डिजिटल ‘युद्धÓ के समय के लिये काफी उपयोगी साबित हो सकता है।