मार्च तक लक्ष्य पूर्ण करने का दावाज्ञानपुर। बिजली की कटौती और डीजल के महंगे दामो से सिंचाई में हो रही है परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने सोलर फोटोवोललटैईक सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना को लागु किया है। कृषि विभाग किसानों को सोलर फोटोवोल्टैईक इरीगेशन पंप उपलब्ध कराने की कवायद में जुटा हुआ है। पहले आओ.पहले पाओ के तर्ज पर योजना लाभ दिया जायेगा। आवेदन करने वाले किसानों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। किसानों को अच्छी सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए शासन स्तर से कई प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कृषकों को सोलर फोटोवोलटैईक इरीगेशन पम्प पर अनुदान देने का प्रस्ताव है। सिंचाई व्यवस्था में बिजली की समस्या और डीजल चालित पम्पसेट पर आधारित होने के कारण कृषि लागत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोत के रूप में सोलर पम्प सिंचाई व्यवस्था में कृषकों के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहा है। पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ.पहले सोलर पम्प पाओ के आधार पर चयन किया जाएगा। उपकृषि निदेशक अरविन्द कुमार सिंह ने बताया कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान उर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना वर्ष २०२०-२१ हेतु सोलर फोटोवोलटैईक इरीगेशन पम्प की स्थापना के लिए जनपद में ३ एचपी सोलर पप्म के लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जो विभाग द्वारा अनुदानित दर पर कृषको के यहां सोलर पम्प स्थापित किया जायेगा। उन्होने बताया कि सोलर वाटर पम्प उन्ही किसानो को दिया जायेगा जो पहले ६ इंच का बोरिंग करवायेगे। बताया कि डीसी प्राप्त करने के लिए ६७७४८ और एसी सोलर पम्प लेने के लिए ६६२२३ रूपये का बैंक ड्राफ्ट देना होगा। बताया कि उक्त सोलर पम्प लगाने के लिए किसानो को सरकार ६० प्रतिशत का अनुदान यानि एक लाख रूपये दिये जा रहे है। बताया कि सोलर पम्प लगाने के लिए दो कम्पनियो को नामित किया गया है। बताया कि सोलर पम्प में लगने वाने सोलर पैनल की २५ साथ तथा पम्प की गारण्टी ५ साल निर्धारित की गयी है। इस बीच यदि पैनल या पम्प खराब होने की सूचना विभाग में किसानो द्वारा दी जायेगी तो उसे कम्पनी द्वारा तत्काल बदला जायेगा। उन्होने बताया कि वर्ष २०२०-२१ में २५ सोलर पम्प लगाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिसमें पांच लग चुका है और २० लगाने की प्रक्रिया प्रारम्भ है।