- कैबिनेट बैठक से निकलते हुए पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से सोशल मीडिया से जुड़े सवाल पूछे और उन्हें गुरुमंत्र भी दिया.
जनता से संवाद निरंतर कायम रखना राजनीति की प्रथम शर्त है. इसी तरह अपनी बात या मुद्दा जनता को समझा ले जाना सियासत में सफलता की सबसे बड़ी गारंटी. तो संवाद और वो भी ऐसा कि जनता को वो समझ आ जाए. ये सियासत में जीत के लिए आज अनिवार्य हो चुका है. तो इसी अनिवार्यता पर है राज की बात कि कैसे पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मामले में अपनी टीम को ही दिखा दिया आईना. साथ ही जनता तक बात पहुंचाने का सोशल मीडिया का गुरुमंत्र भी दिया.
जी, जब बात जनता से संवाद की हो. जनता तक बात पहुंचाने की हो. कैसी भी कठिन परिस्थिति हो. सियासी हवा कितनी भी विपरीत बह रही हो. हर हालात में मोदी को जनता तक अपनी बात पहुंचाना और मनवाना आता है. संवाद के हर माध्यम का प्रयोग वो बखूबी करना जानते हैं और उनकी इस क्षमता के कायल तो उनके विरोधी भी हैं. ऐसे वक्त में जबकि तमाम विषयों पर विपक्ष हावी है. सरकार के तमाम फैसलों पर वह हमलावर है. ऐसे दौर में सरकार के लिए संवाद ज्यादा महत्वपूर्ण है. राज की बात ये है कि जनता से संवाद पर पीएम मोदी ने बीते हफ्ते कैबिनेट की बैठक में अपने ही मंत्रियों की क्लास ले ली.
राज की बात ये है कि कैबिनेट की बैठक होने के बाद जब तमाम मंत्रीगण निकलने लगे तो पीएम मोदी ने कहा कि एक मिनट रुकिए, आप सबसे जरूरी बात करनी है. इसके बाद पीएम ने सोशल मीडिया पर मंत्रियों की सक्रियता की बात की. उन्होंने साफ पूछा कि कितने लोग सोशल मीडिया एक्टिव हैं? पीएम का स्पष्ट कहना था कि सोशल मीडिया को आज के समय में बिल्कुल इग्नोर नहीं किया जा सकता. सोशल मीडिया पर जनमत भले ही देर से बनता हो, लेकिन चर्चा तुरंत शुरू होती है.
दरअसल, पीएम मोदी का कहना था कि नकारात्मक चीजें ज्यादा तेजी से फैलती हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर तमाम मुद्दों पर तरह-तरह की सूचनायें चल रही हैं. कुछ विपक्ष की तरफ से सवाल उठाए जाते हैं. बिना राजनीतिक दलों वाले चेहरे भी तमाम एजेंडा चला रहे हैं. इसी परिप्रेक्ष्य में पीएम का कहना था कि सोशल मीडिया पर मंत्रियों को सक्रिय रहकर जानकारी जनता तक पहुंचानी होगी. क्योंकि सोशल मीडिया पर ज्यादातर बातों को लोग सही मानते हैं. कम ही लोग होते हैं जो सूचनाओं की तस्दीक करते हैं.
पीएम मोदी ने दो-तीन मंत्रियों से ट्विटर, फेसबुक और इंस्टा पर उनके फालोवर और जो संदेश डाले हैं, उनके बारे में भी पूछ लिया. इसके साथ ही पीएम ने कहा कि हर संदेश मंत्री नहीं डाल सकते हैं. लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि क्या जा रहा है और उसका निर्धारण भी उन्हें ही करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सरकारी योजनाओं को पूरी शिद्दत के साथ हर प्रारूप में आसान तरीके से सोशल मीडिया में पोस्ट करने को कहा.