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हरियाणा में क्यों टूटी गठबंधन सरकार? पहली बार दुष्यंत चौटाला ने खोले राज


चंडीगढ़। जजपा पार्टी (JJP News) के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को भाजपा और जजपा गठबंधन टूटने को लेकर कई खुलासे किए। एनडीए के अंदर कई दौर की चर्चाएं हुईं। लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनी।

 

भाजपा (Haryana BJP) ने निर्णय लिया कि राज्य में सरकार में बदलाव किया जाए। हमने निर्णय लिया कि हम नई सरकार में शामिल नहीं होंगे क्योंकि भाजपा समय रहते सीट शेयरिंग पर निर्णय नहीं ले पा रही है। जननायक जनता पार्टी का काडर हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट मांग रहा था।

भाजपा ने हिसार और महेंद्रगढ़-भिवानी सीट पर चार दौर की हुई चर्चा

बाद में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी निर्णय लिया कि यदि भाजपा सरकार बुजुर्ग पेंशन 5100 रुपये प्रति मासिक कर दे तो हम सभी 10 सीटों पर लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) में भाजपा का साथ देंगे। भाजपा इसके लिए भी तैयार नहीं हुई। भाजपा ने हिसार और महेंद्रगढ़-भिवानी पर चार दौर की चर्चा की थी। लेकिन बात नहीं बनी।

2014 की आंधी में सिरसा (Sirsa News) और हिसार (Hisar News) जीतकर आए थे। आज की परिस्थितियां तब से ज्यादा खराब नहीं हैं। आज जजपा का 15 फीसद वोट शेयर है। साढ़े चार साल के दौरान भाजपा-जजपा गठबंधन (BJP-JJP Alliance) सरकार में रहते हुए कोविड, किसान आंदोलन व बाढ़ की परिस्थितियों में बहुत कुछ सीखा है। मेरी उम्र 35 साल की है और मनोहर लाल 70 साल के हैं।

जजपा को 15 से 40 फीसद वोट शेयरिंग बढ़ाना

इसके बावजूद मनोहर लाल (Manohar Lal) ने प्रत्येक काम में उन्होंने साथ दिया। हम लड़ाई करके अलग नहीं हुए। संगठन बढ़ाने की सोच से जजपा ने काम किया है। हम जजपा को 15 से 40 फीसद वोट शेयरिंग पर लेकर जाना चाहते हैं।

आने वाला समय क्या होगा, कैसा होगा यह तो मैं नहीं जानता लेकिन मैंने साढ़े चार साल मनोहर लाल के साथ काम किया तो अलग होने पर उनका आभार जताया।

विधानसभा चुनाव में 47 सीट जीतने का बनाया लक्ष्य

इसके लिए ही मैं चंडीगढ़ उनके निवास पर पहुंचा था। राजनीति में भविष्य में क्या हो, इसकी भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता। जजपा कार्यकर्ता संगठन को मजबूत करेगा। लक्ष्य यह है कि विधानसभा चुनाव में 47 सीट लेकर सरकार बनाएं। राजनीति में जो सामने है वही प्रतिद्वंद्वी है।

हमारे चुनाव लड़ने से जाट मतदाताओं का बिखराव होगा, यह गलत है। मेरे 10 में से चार अनुसूचित जाति के विधायक हैं।अब चुनाव घोषित हो गए हैं। 70 दिन की चुनावी प्रक्रिया के बाद देखेंगे जनता किसके साथ हैं। परिवारवाद पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने स्पष्ट तौर पर कहा है।

 

जनता के मत के अधिकार से चुनाव जीतकर आता है तो उसे परिवारवाद से दूर रखना चाहिए। आज के दिन सबसे बड़ा परिवार मतदाताओं का परिवार है। प्रधानमंत्री ने यह कहा था कि एक ही परिवार के पास पार्टी की कमान नहीं होनी चाहिए।