- नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के जम्मू एयर बेस पर 27 जून को ड्रोन से हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां खास सतर्कता बरत रही हैं। ड्रोन आसानी से रडार्स से बच निकलते हैं, जिसकी वजह से ये एक गंभीर खतरे के रूप में सामने आए हैं। इन सबको देखते हुए वायुसेना ने एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदने की दिशा में आगे कदम बढ़ाया है, ताकि ऐसे ड्रोन हमलों से बचा जा सके और दुश्मन के इरादों को हवा में ही नष्ट किया जा सके।
समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार, वायुसेना ने 10 एंटी-ड्रोन सिस्टम के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत वायुसेना 10 काउंटर अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (CUAS) का अधिग्रहण करेगी। इस संबंध में सोमवार को रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन जारी किया गया। वायुसेना इन्हें विभिन्न एयरबेस पर तैनात करेगी और वेंडर्स से मल्टी-सेंसर, मल्टी-किल सॉल्यूशन वाले एंटी-ड्रोन सिस्टम उपलब्ध कराने को कहेगी, ताकि इसे प्रभावी तरीके से तैनात किया जा सके।
NIA कर रही जांच
यहां उल्लेखनीय है कि जम्मू में वायुसेना के एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा को जिम्मेदार समझा जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इसकी जांच कर रही है। अब तक की जांच में जो कुछ भी सामने आया है, उसके मुताबिक, जम्मू एयरबेस को निशाना बनाने के लिए आतंकियों ने ड्रोन के जरिये बम गिराने में लगभग ढाई किलोग्राम आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था।