एक तरफ किसान देशव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान चला रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हिसार के खरक पुनिया में महापंचायत की. राकेश टिकैत ने कहा कि अभी भी हालात ये हैं सरकार सोच रही है, दो महीनों में किसान फसल की कटाई होगी और किसान गांव लौट जाएगा. किसान को बलिदान देना होगा, खड़ी फसल को आग लगा देंगे. टिकैत ने कहा कि फसलों का फैसला किसान करेगा सरकार नहीं. हरियाणा की खापों का हमें भरपूर समर्थन मिल रहा है. सिर्फ ये पंचायत हरियाणा तक सीमित नहीं है, हर प्रदेश में जाकर हम पंचायत करेंगे.
राकेश टिकैत ने कहा कि अभी तक हमने लाठी दिखाई थी, अब खेत में इस्तेमाल होने वाले औजार लेकर दिल्ली जाएंगे. टिकैत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि 40 लाख टैक्ट्रर लेकर दिल्ली आएंगे. सरकार की गलतफहमी को दूर करना होगा. फसल भी काटेंगें और आंदोलन भी करेंगे. दो-दो दिन में सरकार पंचायत कर रही है सरकार को शर्म आनी चाहिए. अनाज को तालों में बंद करना चाहते हैं, अनाज के गोदामों में ताला लगाना चाहते हैं. अगर ऐसा किया गया तो कुत्ते को भी रोटी नहीं मिलेगी.
किसान ट्रैक्टर लेकर बंगाल चल देगा
राकेश टिकैत ने कहा कि ये किसानों की बिरादरी है. ये कौम की लड़ाई नहीं है बल्कि सरकार इसे गलत समझ रही है. सरकार का पहली बार मज़बूत लोगों से पाला पड़ा है. सरकार ने ज़्यादा किया तो ये किसान ट्रैक्टर लेकर बंगाल को चल देगें, वहां भी किसानों को बड़ी दिक्कत है. किसानों की बात करने वालों को नौकरी से हटाया जा रहा है. नेताओं की पेंशन खत्म हो इसकी भी लड़ाई लड़ेंगे. टैक्टर में तेल डलवाकर रखो कभी भी दिल्ली आना पड़ सकता है. जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक घर वापस नहीं जाएंगे.