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१३ से देशमें शुरू हो सकता है कोरोनाका पहला टीकाकरण


नयी दिल्ली (आससे)। केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन 13 जनवरी से दी जा सकती है। टीकाकरण के लिये सत्र वितरण की पूरी प्रक्रिया इलेक्ट्रानिक जरिये से की जायेगी। आज एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश में कोरोना के टीकाकरण के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि लाभार्थी के टीकाकरण का डिजिटल रिकार्ड रखा जायेगा और उसे अगली खुराक लेने कब आना है इसकी जानकारी भी डिजिटली मिलेगी। उन्होंने कहा कि टीका लेने के बाद अगर कोई बुरा असर होता है तो उसकी रियल टाइम रिपोर्टिंग के लिये कोविड वैक्सीन डिलिवरी मैनेजमेंट सिस्टम में प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि को-विन प्लेटफार्म को भारत में बनाया गया है, लेकिन यह पूरे विश्व के लिये है। जो भी देश इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे, भारत सरकार इसमें उनकी मदद करेगी। भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रणी कार्यकत्र्ताओं को को-विन प्लेटफार्म पर अपना पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि उनका डेटा पहले ही रिकार्ड किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कर्नाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में स्थित जीएमएसडी नामक चार प्राथमिक वैक्सीन स्टोर हैं और देश में 37 वैक्सीन स्टोर हैं। इनमें टीकों को थोक में संग्रहीत किया जाता है और आगे वितरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि भंडारण किये गये टीकों की संख्या और तापमान ट्रैकर सहित सुविधा की डिजिटल निगरानी की जाती है। हमारे पास देश में एक दशक से अधिक समय से यह सुविधा है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि जिस दिन भी वैक्सीन को मंजूरी मिली उसके 10 दिन के अंदर हम वैक्सीन लेने को तैयार हैं। आखिरी फैसला सरकार को लेना है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने किसी भी तरीके से किसी भी वैक्सीन के निर्यात को प्रतिबंधित नहीं किया है। उन्होंने यह भी बताया कि यूके के नये स्ट्रेन का वैक्सीन के असर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कैडिला की वैक्सीन डीएनए पर आधारित है। परीक्षण के दौरान देखा गया कि अच्छी एंटीबॉडी बनी है। उन्होंने संकेत दिया कि 15 से 20 दिनों के भीतर टीकाकरण प्रारंभ होगा। कोरोना का टीका लेने के बाद इसके प्रमाणपत्र को डिजी लॉकर में भी सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश के पांच राज्यों में ड्राईरन सफल रहा है। साथ ही यह भी कहा कि टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की समस्या होने पर उसका निदान किया जायेगा। एक टीकाकरण टीम में पांच सदस्य रहेंगे।