भदोही, ज्ञानपुर

18 वर्षीय युवक की मौत, शराब के अलावा व्हाईटनर पीने की थी अजीब लत


  • √18 वर्षीय युवक की मौत, पुलिस ने पीएम जांच हेतु भेजा शव

√शराब व व्हाइटनर (सफेदा) पीने का आदी बताया गया मृतक

√भदोही के कोइरौना क्षेत्र के खेदौपुर गांव का मामला


घटना विस्तार से-

आज संवाद. कोइरौना (भदोही)। भदोही जिले के कोइरौना थाना क्षेत्र के खेदौपुर ग्राम पंचायत के त्रिभुवनपुर गांव निवासी राजपति गौतम के 18 वर्षीय पुत्र सुनील उर्फ गोलू की शनिवार दोपहर 3 बजे मौत हो गई। परिजनों ने मौत के पीछे का कारण अधिक शराब के साथ व्हाइटनर (Whitener) यानी सफेदा का सेवन बताया है। मृतक के कलम से लिखे हुए शब्दों को कागज पर मिटाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सफेदा यानी व्हाइटनर (स्याही) पीने की अजीबोगरीब लत को सुन लोग व पुलिसकर्मी सभी हतप्रभ हैं।

पुलिस द्वारा मृतक के घर के आसपास से बरामद खाली व्हाइटनर का पेन (डिब्बा)
सूचना पर थाना प्रभारी कोइरौना जय प्रकाश यादव के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु जिला अस्पताल भेज दिया। फिलहाल पीएम जांच रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों से पर्दा उठ सकेगा। छानबीन के दौरान पुलिस को मृतक के घर व आसपास से पचासों की संख्या में व्हाइटनर के खाली डिब्बे फेंके गए मिले हैं। मृतक सुनील उर्फ गोलू के पिता राजपति ने पुलिस को दी सूचना में कहा है कि उसका पुत्र सुनील शराब तथा व्हाइटनर पीने का आदी था। शराब के नशे में वह दिवाली के दिन गिर पड़ा था। इस दौरान उसे चोट आ गई थी। सूचना के बाद वह भी दिल्ली से घर पहुंचे। कई बार उसे समझाया किंतु वह नहीं माना। शनिवार दोपहर 3 बजे सफेदा के अधिक सेवन से उसकी मौत हो गई। थानाध्यक्ष जेपी यादव ने कहा 18 वर्षीय सुनील की मौत हुई है। शव कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेजा गया है परिजनों द्वारा व्हाइटनर और शराब पीने की वजह बताई है। फिलहाल पीएम जांच में स्थिति स्पष्ट होगी।
व्हाईटनर में क्या मिश्रित होता है-

व्हाइटनर पॉलीवायनिल क्लोराइड (पीवीसी) का एक बहुलक है। पीवीसी पानी में घुलनशील नहीं होता। इसे डायलूट (घोलने) करने के लिए एल्कोहल बेस्ड द्रव की जरूरत होती है। एल्कोहल नशा करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

कानून के जानकार बताते हैं कि – व्हाइटनर की बिक्री को रोकने के लिए कानूनन कोई विकल्प नहीं है। स्टेशनर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

जानकारों के अनुसार , क्या हो सकता है नुकसान-

1. अनियमित घनत्व वाला एल्कोहलिक द्रव तंत्रिका तंत्र को सीधा प्रभावित कर सकता है। कम उम्र का व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।
2. सूंघने से श्वसन तंत्र पर दुष्प्रभाव पड़ता है। नासिका और फेंफड़ों में एलर्जी हो सकती है। रसायनिक प्रभाव के कारण भीतरी हिस्सों में जख्म हो सकते हैं।
3. इसे पीने से ग्रसनी व अमाश्य और लीवर जैसे अंग या इन अंगों के विशेष उत्तक प्रभावित हो सकते हैं। जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी जन्म ले सकती है।