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21 हजार करोड़ की हेरोइन जब्त करने के मामले में एक्शन में ईडी


  • प्रवर्तन निदेशालय (ED), गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर दो कंटेनरों से रिकॉर्ड लगभग 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामला इस सप्ताह या उसके बाद किसी भी समय दर्ज किया जा सकता है. इस सप्ताह ईडी के निदेशक संजय मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मामले पर चर्चा की गई थी. केंद्रीय एजेंसी PMLA के तहत ECIR दाखिल करने के तुरंत बाद मामले की जांच शुरू करेगी.

सूत्रों ने कहा कि संघीय एजेंसी के अधिकारी मामले का अध्ययन करने और इसे PMLA के प्रावधानों के तहत आगे बढ़ने में लगे हुए हैं. एजेंसी को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के जरिए ड्रग्स तस्करी का पता लगाने के दौरान दायर की गई शिकायत मिली है. मामला डीआरआई से संबंधित है, जो ईडी जैसी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत एक प्रवर्तन एजेंसी है. एजेंसी ने 15 सितंबर के आसपास कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह से कुल 2,988.21 किलोग्राम अफगान हेरोइन जब्त की थी. डीआरआई के अनुमान के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि ड्रग्स की खेप की कीमत 21,000 करोड़ रुपये है.

देश में अब तक की सबसे बड़ी जब्त की गई खेप

सूत्रों ने ये भी बताया कि जब्त हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति किलोग्राम करीब 5-7 करोड़ रुपये आंकी गई है. ड्रग रिकवरी देश में हेरोइन की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती और दुनिया भर में जब्त की गई अब तक की सबसे बड़ी खेप में से एक है. सूत्रों के अनुसार, ईडी ड्रग खेप की तस्करी के पीछे सिंडिकेट से जुड़े लोगों की जांच करेगा. संदेह है कि मामला आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा क्षेत्र में पंजीकृत एक कमर्शियल कंपनी से जुड़ा है. संघीय एजेंसी अपराध की आय की पहचान भी करेगी और जरूरत के अनुसार अपनी जांच के दौरान आरोपी की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया जारी रखेगी. मामले में अब तक के शुरुआती निष्कर्षों ने सुझाव दिया है कि जब्त की गई हेरोइन अफगानिस्तान मूल की है और इसे ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट से मुंद्रा पोर्ट भेजा गया था.