- राज्य के बाकी 53 जिलों में आगामी तीन जुलाई को मतदान होगा. उसी दिन दोपहर तीन बजे से मतगणना शुरू होगी. 21 सीटों पर बीजेपी कैंडिडेट निर्विरोध जीते हैं.
Zila Panchayat Adhyaksh Election in UP: उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 22 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. इनमें से 21 उम्मीदवार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हैं. राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि प्रदेश के 22 जिलों सहारनपुर, बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत और शाहजहांपुर में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है. उन्होंने बताया कि राज्य के बाकी 53 जिलों में आगामी तीन जुलाई को मतदान होगा. उसी दिन दोपहर तीन बजे से मतगणना शुरू होगी.
इटावा में समाजवादी पार्टी की जीत हुई
इटावा में समाजवादी पार्टी की जीत हुई है वहीं शेष जिलों में बीजेपी के उम्मीदवार विजयी रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जनकल्याण के कदमों व सांगठनिक नेतृत्व की कुशलता से जनता का विश्वास बीजेपी में और दृढ़ हुआ है. यही कारण है कि जनता के चुने प्रतिनिधि भी बीजेपी में अपना भरोसा दिखा रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी शनिवार को बाकी 53 जिलों में होने वाले जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में भी बीजेपी जबरदस्त जीत हासिल करेगी.
इस बीच, बागपत से मिली रिपोर्ट के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) की प्रत्याशी ममता के नाम पर किसी अन्य महिला के नाम वापस ले लिये जाने से हंगामा मच गया. वहीं, ममता ने इंटरनेट पर वीडियो पोस्ट कर खुद के राजस्थान में होने का दावा किया. इस पर रालोद कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हंगामा शुरु कर दिया. बाद में बागपत के जिलाधिकारी राजकमल यादव ने बताया कि कोई महिला खुद को रालोद प्रत्याशी बताकर नामांकन वापसी के लिए आई थी. शिकायत मिलने पर जांच की गई और रालोद प्रत्याशी ममता से फोन पर बात हुई है. नामांकन वापस नहीं हुआ है. रालोद और बीजेपी दोनों प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगी.
बागपत में ममता किशोर रालोद-सपा की संयुक्त उम्मीदवार
जिलाधिकारी ने बताया कि फ़र्ज़ी तरीके से हस्ताक्षर कर हलफनामा देने वाली महिला की जांच होगी और जांच रिपोर्ट के आधार पर महिला के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद ही हंगामा कर रहे रालोद कार्यकर्ता शांत हुए. रालोद नेताओं का आरोप था कि प्रशासन ने लोकतंत्र की हत्या करते हुए किसी महिला को ममता देवी का नामांकन वापस करा दिया. रालोद कार्यकर्ताओं ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि ममता राजस्थान में हैं. कोई और महिला उनके नाम पर उनका पर्चा वापस ले गई है. वहीं हंगामा की आशंका को देखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.
इससे पहले, गत शनिवार को नामांकन से पहले रालोद प्रत्याशी ममता ने अपने पति जयकिशोर के साथ पत्रकारों के समक्ष आरोप लगाया था कि कुछ बीजेपी नेताओं ने उन्हें धमकी दी है. बहरहाल, अब बागपत में ममता किशोर रालोद-सपा की संयुक्त उम्मीदवार हैं. उनका मुकाबला बीजेपी की बबली देवी से होगा.