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23 जनवरी को यूपीटीईटी परीक्षा देने जा रहे 21 लाख अभ्यर्थियों के सामने अब एक नई मुसीबत


नई दिल्ली, । यूपी टीईटी परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले लंबे समय से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा की तारीख घोषित नहीं हो पा रही थीं। लेकिन फिर जैसे-तैसे कई बार परीक्षा का शेड्यूल लटकने के बाद जब एग्जाम की डेट घोषित की गई तो 28 नवंबर को आयोजित होने वाला पेपर के लीक होने की खबर सामने आ गई। यूपीटीईटी परीक्षा के व्हाट्सएप पर लीक होने के बाद पूरा मामला कानूनी दांवपेंच में फंस गया। हालांकि इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (UP CM Yogi adityanath) ने उम्मीदवारों को निष्पक्ष जांच के साथ एक महीने के अंदर फिर से परीक्षा आयोजित कराने की बात कही थी।

सीएम ने अपने बयान के अनुसार परीक्षा की तारीखों का ऐलान भी कर दिया है। वहीं नए शेड्यूल के अनुसार परीक्षा जनवरी के चौथे सप्ताह में 23 जनवरी को आयोजित होने वाली। दो पालियों में आयोजित होने वाली इस परीक्षा में लगभग 21 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स हिस्सा लेने वाले हैं। लेकिन अब यूपीटीईटी परीक्षार्थियों के सामने एक नई मुसीबत सामने आकर खड़ी हो गई है और वो है देश के कई राज्यों में फैलने वाला कोविड-़19 का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन। अब यूपीटीईटी परीक्षा देने जा रहे अभ्यर्थियों को परीक्षा के साथ-साथ फैल रही महामारी से भी बचाव करना होगा। दरअसल, दुनिया भर में कहर बरपा रहा कोविड का नया वेरिएंट अब देश में भी डराने लगा है। देश के अलग-अलग राज्यों से ओमिक्रॉन के फैलने की खबरें सामने आ रही हैं। हालांकि फिलहाल इसमें दिल्ली और महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा केस रिपोर्ट किए गए हैं, लेकिन फिर भी 23 जनवरी को आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों के सामने दोहरी चुनौती सामने आ गई है। पहली तो परीक्षा सुचारु रुप से संपन्न हो जाए, क्योंकि पिछली बार पेपर कैंसिल होने की वजह से अभ्यर्थियों के सामने अनिश्चित का माहौल हो गया है। इसके साथ ही वे खुद का इस बीमारी से बचाव कर सके। हालांकि इससे संबंधित प्रशासन की तरफ से भी पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। प्रशासन कोविड के नए वेरिएंट से बचने के लिए सख्त नियमों का पालन करेगी।