इन स्पेक्ट्रम का किया जाएगा आवंटन
बता दें कि दूरसंचार विभाग ने 15 जून 2022 की एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसके मुताबिक भारत में 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चौहान ने लोकसभा में दिए एक लिखित सवाल के जवाब में कहा कि 26 गीगाहर्ट्ज बैंड 5G सर्विस शुरू करने के लिए जरूरी स्पेक्ट्रम को नीलामी में शामिल किया गया है।
1.45 लाख करोड़ रुपये की लगी बोली
भारत में 5G स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया जारी है। स्पेक्ट्रम नीलामी के पहले दिन मंगलवार को कुल 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली लगी। भारत सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा फायदा हुआ है। चौहान ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने देश में 5G प्रोडक्ट के डिजाइन आधारित निर्माण की सुविधा के लिए दूरसंचार और नेटवर्किंग प्रोडक्ट के निर्माण के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के दिशानिर्देशों में संशोधन किया है।
अगले साल सितंबर को हो सकाती है 5G लॉन्चिंग
इससे पहले केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि पहले दिन चार चरणों की नीलामी प्रक्रिया पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 2022 तक स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और सितंबर-अक्टूबर, 2022 तक देश के कुछ हिस्सों में 5G सर्विस भी शुरू कर दी जाएगी। नीलामी में चार कंपनियों रिलायंस जियो, भारती एयटेल, वोडाफोन व अदाणी समूह ने हिस्सा लिया। इन चारों कंपनियों ने पहले ही डीओटी के पास 21,800 करोड़ की राशि जमा कराई जा चुकी है।