पिछले कुछ महीनों में कोहली की कप्तानी से हटने के बाद रोहित शर्मा, केएल राहुल, रिषभ पंत, हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह कप्तान कर चुके हैं, वहीं अब वेस्टइंडीज के विरुद्ध वनडे में शिखर धवन को कप्तानी सौंपी गई है। इसे लेकर गांगुली ने कहा,’मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि इतने कम समय में सात अलग कप्तान रखना आदर्श नहीं है, लेकिन ऐसा इसलिए हुआ क्याोंकि कुछ अपरिहार्य परिस्थितियां पैदा हुई। जैसे रोहित सफेद गेंद क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका में अगुआई करने वाले थे लेकिन दौरे से पहले वह चोटिल हो गए, इसलिए राहुल ने वनडे में कप्तानी की और फिर हाल में दक्षिण अफ्रीका की घरेलू सीरीज में राहुल सीरीज शुरू होने से एक दिन पहले चोटिल हो गए। कैलेंडर इस तरह का है कि हमें खिलाड़ियों को ब्रेक देना होता है और फिर किसी को चोट भी लग जाती है तो हमें कार्यभार प्रबंधन को भी देखना होता है।’
बीसीसीआइ अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल को लेकर उन्होंने कहा, ‘जब 2019 में मैं अध्यक्ष बना था तो यह बीसीसीआइ के सदस्य संघों की रजामंदी से था और अभी तक यह शानदार अनुभव रहा है। आपको भारतीय क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम करने और बदलाव करने का मौका मिलता है। कोविड-19 के दो वषरें के दौरान टूर्नामेंट आयोजित कराना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन बीसीसीआइ ने बतौर टीम आइपीएल और घरेलू क्रिकेट (पुरुष और महिला) दोनों का बेहतर आयोजन किया।’
गांगुली ने 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था और यह पूछे जाने पर कि क्या वह अब भी ड्रेसिंग रूम को मिस करते हैं, इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं ड्रेसिंग रूम मिस नहीं करता। मैंने कभी किसी चीज को मिस नहीं किया। कुछ भी हमेशा नहीं रहता। हर चीज का अंत होता है। मेरा करियर शानदार रहा और समय आगे बढ़ने का था और मैं खुश हूं कि मैंने शिखर पर अपना करियर खत्म किया।’