बिहारशरीफ (नालंदा)। किसी भी परिस्थिति में भीख मांगना उचित नहीं है। समाज से इस कुरीति को जड़ से खत्म करना चाहिए। इसके लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। बिहारशरीफ के बड़ी दरगाह पर मोहल्ला में मंगलवार को भिक्षावृति से जुड़े दर्जनों बच्चों को ब्रिज कोर्स से जोड़ा गया। सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक गायत्री कुमारी ने कैंप में कहा कि बच्चों के भविष्य को किसी भी सूरत में बर्बाद न करें। माता-पिता भिक्षावृत्ति (भीख मांगने) से उन्हें दूर रखें। उनके लिए पढ़ने-लिखने से लेकर परवरिश तक की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि नौनिहालों को भिक्षावृत्ति से जोड़ने में माता-पिता का अहम रोल होता है। एक बार जो इसमें कदम बढ़ा लेते हैं, वो अपना आत्मसम्मान तक खो देते हैं। समाज भी उन्हें एक अलग नजरिए से देखता है।
सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा भिक्षावृति से जुड़े बच्चों व अन्य लोगों को बाहर निकालने के लिए यहां के 49 बच्चों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ने की भी पहल की जा रही है। ताकि, वे खुद का रोजगार कर समाज में एक मिसाल बन सकें। कैंप में 35 बच्चों को किताब, कॉपी, शिक्षण सामग्री व 50 लोगों की स्वास्थ्य जांच कर प्राथमिक उपचार के लिए मेडिकल किट दी गयी। मौके पर शशि शर्मा, डीएस शांति कुटीर शबाना आफरीन, कॉन्सलर अनुजा कुमारी, एएनएम चंचला कुमारी, राखी कुमारी, रोहिता दुबे, सचिन कुमार व अन्य मौजूद थे। कैंप में लोगों को नशाबंदी की शपथ दिलाई। साथ ही दर्जनों लोगों को कोरोनारोधी टीका लगाया गया।