पटना

भागलपुर-मुंगेर में कृमि मुक्ति की दवा खाने के बाद 80 से ज्यादा बच्चे बीमार


भागलपुर। बिहार में कृमि मुक्ति के लिए स्कूलों में बच्चों को दवा खिलायी जा रही है। शुक्रवार को भागलपुर और मुंगेर में 80 से ज्यादा बच्चे बीमार हो गये हैं। कुछ को उल्टी-दस्त हो रहे हैं तो कई बच्चे बेहोश हो गये। करीब आधा दर्जन को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा। भागलपुर में तो गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा किया। एएनएम को बंधक बना लिया तो शिक्षक भाग खड़े हुए। सरकार ने एक सप्ताह के भीतर सभी बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा देने का लक्ष्य रखा है। लेकिन इन घटनाओं ने अभियान पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

भागलपुर के नाथनगर प्रखंड के मध्य विद्यालय अजमेरीपुर में एल्बेंडाजोल दवा खिलाने के बाद 30 से अधिक बच्चे बीमार हो गये। बच्चों को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल नाथनगर में भर्ती किया गया है। बच्चों के बीमार होने से आक्रोशित परिजनों ने स्कूल में जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों ने एएनएम को बंधक बना लिया था। शिक्षक स्कूल छोडक़र भाग गये हैं। डॉक्टरों के साथ अधिकारी स्कूल पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह एएनएम की ओर से शिक्षकों के सहयोग से स्कूल के बच्चों को एल्बेंडाजोल दवा खिलाया। दवा खाने के बाद बच्चों की तबीयत बिगडऩे लगी। चक्कर और उल्टी के अलावा कई बच्चे बेहोश होने लगी। घटना की जानकारी मिलने के बाद काफी संख्या में ग्रामीण जुट गये। ग्रामीणों से स्कूल में हंगामा किया और एएनएम रंजीता कुमारी को बंधक बनाकर मारपीट किया।


सीवान में सात बच्चे बेहोश

सिसवन (सीवान)। प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय पडऱी में कृमि की दवा खाने के बाद बच्चों की अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद विद्यालय मे अफरातफरी का माहौल हो गया। इस संबंध में पडऱी गांव निवासी रंजीत सिंह ने बताया कि स्कूल में लगभग 100 बच्चों को कृमि से बचाव को लेकर दवा खिलाया गया था। जिसमें से 7 बच्चे संजू कुमारी, श्रुति कुमारी, अनुराग सिंह, खुशी कुमारी, आर्यन कुमार, पीयूष कुमार, आयुष कुमार की तबीयत खराब हो गई। छात्रों की तबीयत खराब होने के बाद से प्रभारी शिक्षक मीर कासिम द्वारा कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया बार-बार कहने के बाद भी कि डॉक्टर को बुलाया जाए फिर भी उनके द्वारा इस पर पहल की गई। प्रधानाध्यापक कि लापरवाही के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना बीडीओ सूरज कुमार सिंह को फोन कर दिया। सूचना मिलते ही बीडीओ आनन फानन में मेडिकल टीम के साथ विधालय पर पहुंचे तब बच्चों का उपचार किया गया जिसके बाद उनकी स्थिति में सुधार हुआ। घटना के बाद से ग्रामीणों में स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक के प्रति काफी आक्रोश था।


ग्रामीणों ने स्कूलों में तोडफ़ोड़ भी किया। हंगामा देख स्कूल के शिक्षक भाग गये। घटना की जानकारी मिलने के बाद डीसीएलआर सदर के अलावा नाथनगर बीडीओ, सीओ और डाक्टरों की टीम स्कूल पहुंची। अधिकारियों ने एएनएम को मुक्त कराने के बाद बीमार बच्चों को इलाज के लिए ऐम्बुलेंस से रेफरल अस्पताल नाथनगर भेजा। कई परिजन खुद बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे।

डीसीएलआर सदर गिरिजेश कुमार ने बताया कि सभी बीमार बच्चों का इलाज सरकारी और निजी अस्पताल में चल रहा है। सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। पूरे मामले की जांच की जा रही है। सांसद अजय मंडल ने बताया कि बच्चों के बीमार होने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी गयी। इसके बाद उन्होंने डीएम और अन्य अधिकारियों से बात की। यह गंभीर मामला है। जांच कर दोषियों के विरुद्ध काररवाई करने को कहा गया है।

मुंगेर में शुक्रवार को बरियारपुर प्रखंड के शाह जुबैर मध्य विद्यालय घोरघट में एल्बेंडाजोल दवा खिलाने के कुछ देर के बाद ही बच्चों की तबियत खराब होने लगी। कई बच्चे बेहोश होने लगे। कई बच्चों को चक्कर आने लगा। करीब 50 से अधिक बच्चे बीमार पड़ गये। बच्चों के बीमार होने की सूचना पीएचसी प्रभारी को दी गयी। इसके बाद डॉक्टरों की टीम विद्यालय पहुंची और बीमार छात्र-छात्राओं का इलाज करने लगे। जिन बच्चों की ज्यादा तबीयत खराब हुई, उन्हें एंबुलेंस से बरियारपुर पीएचसी लाया गया। पीएचसी में सभी का इलाज चल रहा है। बताया जाता है कि लगभग आधा दर्जन से अधिक बच्चों का दम फूलने लगा तो उन्हें ऑक्सीजन लगाया गया है। करण कुमार साक्षी कुमारी, रूपा कुमारी सभी वर्ग सप्तम, सुप्रिया कुमारी, रितिका कुमारी वर्ग चतुर्थ, सोनू कुमार, शिवम कुमार, अंजनी कुमारी वर्ग पंचम आदि को बेहतर इलाज के लिए ऑक्सीजन लगाया जा रहा है।