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भारत के पहले mRNA कोरोना वैक्सीन को आपात स्थिति में उपयोग के लिए जल्द मिलेगी मंजूरी,


नई दिल्ली,  mRNA COVID 19 vaccine: भारत में पहले mRNA कोरोना वैक्सीन जल्द ही दस्तक देने वाली है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए इसे मंजूरी मिलने में अब देर नहीं लगेगी। शुक्रवार को एक बैठक में सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ( Subject Expert Committee, SEC) ने इस वैक्सीन की आपातकाल उपयोग (Emergency Use Authorisation, EUA) के लिए प्रस्ताव दिया था ।

mRNA वैक्सीन में वायरस का जीवित तत्व नहीं होता

mRNA वैक्सीन में वायरस का कोई जीवित तत्व नहीं होता और इस कारण से बीमारी के बढ़ने का खतरा नहीं होता है।भारत के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General Of India, DCGI) की ओर से जल्द ही जीनोवा (Gennova) के mRNA वैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए अनुमति दी जा सकती है। DCGI के तहत SEC ने बैठक में जीनोवा फर्माक्यूटिकल्स द्वारा पेश किए गए आंकड़ों की जांच की और इसे संतोषजनक करार दिया। कंपनी ने अप्रैल में ही डेटा सबमिट किया था और मई में अतिरिक्त डेटा भी जमा करा दी।

पारंपरिक वैक्सीन से कितना अलग है mRNA वैक्सीन

पारंपरिक वैक्सीन में बीमारी पैदा करने वाले वायरस को मृत या निष्क्रिय करने के बाद शरीर में डाला जाता है वहीं न्यूक्लिक एसिड वैक्सीन यानि mRNA वैक्सीन में पैथोजन का जेनेटिक कोड शरीर में डाला जाता है जो मानव कोशिका को हमले की पहचान करके उसके बचाव के लिए रक्षात्मक प्रोटीन तैयार करने के लिए प्रेरित करता है।

 

मई के शुरुआत में जिनोवा ने एएनआइ को बयान दिया था जिसमें फेज 3 के डेटा को सबमिट करने को लेकर अपडेट दिए थे। जीनोवा के प्रवक्ता ने कहा, ‘ रेगुलेटरी एजेंसी के साथ जीनोवा की बातचीत हो रही है और उत्पाद की मंजूरी के लिए आवश्यक डेटा व जानकारी को सबमिट कर दिया गया है।’ कंपनी ने फेज 2 और फेज 3 के ट्रायल में 4000 प्रतिभागियों को शामिल किया था। इस ट्रायल में वैक्सीन की सुरक्षा व इसके अन्य पहलुओं की भी जांच की गई। कोरोना वैक्सीन GEMCOVAC-19 देश का पहला स्वदेशी mRNA COVID- 19 वैक्सीन है और इसे हेल्थकेयर इंडस्ट्री में बड़े बदलाव की तरह देखा जा रहा है।