विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वीरवार को चार देशों के गठबंधन (क्वाड) की मंत्री स्तर की वार्ता में हिस्सा लिया जिसमें सभी पक्षों ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता एवं सम्प्रभुता का सम्मान, अंतरराष्ट्रीय सागर क्षेत्र में नौवहन स्वतंत्रता, मुक्त और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की साझी दृष्टि को दोहराया । हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव की पृष्ठभूमि में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के गठबंधन (क्वाड) के विदेश मंत्रियों की इस बैठक में सभी पक्षों ने कानून के शासन, पारदर्शिता और विवादों के शांतिपूर्ण ढंग से निपटारे पर जोर दिया
विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से निपटारे पर जोर
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, क्षेत्रीय मुद्दों पर इनके बीच विचारों का सार्थक आदान प्रदान हुआ जिसमें असियान की प्रमुखता को समर्थन के साथ मुक्त और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की साझी दृष्टि को दोहराया गया । बयान के अनुसार, इस बात पर गौर किया गया कि हिन्द प्रशांत के सिद्धांत को यूरोप समेत अंतरराष्ट्रीय समर्थन बढ़ रहा है । इसमें कहा गया है कि कि मंत्रियों ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता एवं सम्प्रभुता का सम्मान, अंतरराष्ट्रीय सागर क्षेत्र में नौवहन स्वतंत्रता, कानून के शासन, पारदर्शिता और विवादों के शांतिपूर्ण ढंग से निपटारे के प्रति प्रतिबद्धता दोहरायी ।
जलवायु परिवर्तन पर भी हुई चर्चा
चारों देशों के मंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन पर प्रतिक्रिया सहित नौवहन सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े विषय और आतंकवाद से मुकाबला जैसे मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया। इस बैठक में जयशंकर के अलावा आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मेरिस पेन, जापान के विदेश मंत्री तोशिमत्सु मोतेगी और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने हिस्सा लिया । बयान के अनुसार, सभी पक्षों ने इस बात पर सहमति जतायी कि दुनिया में हो रहे बदलाव उनके देशों के साथ मिलकर काम करने का मजबूत आधार बनाते है । अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिये यह महत्वपूर्ण है कि बदलाव की दिशा सकारात्मक और सभी के फायदे के लिये हो । इसमें कहा गया है कि चर्चा के दौरान म्यांमा के हाल के घटनाक्रमों पर भारत ने कानून के शासन और लोकतांत्रिक परिवर्तन पर जोर दिया ।