मेरठ, । : बेटी के प्रेम प्रसंग से परेशान पिता ने मेरठ में पितृत्व को ही ताक पर रख दिया। उसने एक युवक को अपनी बेटी की हत्या की सुपारी दी। एक लाख में सौदा तय होने के बाद युवक ने निजी अस्पताल के आइसीयू में भर्ती युवती को जहर वाला इंजेक्शन दे दिया। युवती की हालत खराब हो गई है।
मोदीपुरम के फ्यूचर अस्पताल में इलाज के भर्ती एक युवती की हत्या का प्रयास किया गया। उसको शुक्रवार को डाक्टर बनकर आइसीयू में घुसे एक युवक ने पोटैशियम क्लोराइड (केसीएल) के हाई डोज का इंजेक्शन लगाकर जान से मारने की कोशिश की गई। युवती की स्थिति बिगडऩे पर छानबीन में पता चला कि युवक फर्जी डाक्टर बन आइसीयू में घुसा और उसी ने इंजेक्शन लगाया।
केसीएल का 20 एमएल इंजेक्शन लगाया
युवक फिल्मी अंदाज में शनिवार को पहुंचा और केसीएल का 20 एमएल इंजेक्शन लगा दिया। पोटैशियम क्लोराइड का यह इंजेक्शन काफी हाई डोज का है। चिकित्सकों के अनुसार शरीर में पोटैशियम की कमी होने पर चिकित्सकीय सलाह पर एक एमएल तक का इंजेक्शन लगाया जाता है। अधिक मात्रा में पोटैशियम क्लोराइड के शरीर में प्रवेश करने पर युवती की हालत बिगडऩे लगी। चिकित्सकों ने देखा तो उन्हें यह बेहद अजब लगा। उन्होंने सीसीटीवी देखा तो पाया कि युवक डाक्टर के पोशाक में आइसीयू में पहुंचा और कुछ ही देर में निकल गया। फुटेज के आधार पर उसकी पहचान एक दूसरे अस्पताल के वार्ड ब्वाय रमेश के रूप में हुई।
दूसरे अस्पताल का कंपाउंडर बताया, एक लाख रुपये में हायर
उस दौरान पूछताछ में युवक ने खुद को दूसरे अस्पताल का कंपाउंडर बताया और कहा कि युवती के पिता ने ही जान से मारने के लिए उसे एक लाख रुपये में हायर किया था। इस काम में फ्यूचर अस्पताल की एक सेविका भी शामिल है। उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। पूछताछ में रमेश ने बताया कि युवती को जान से मारने के लिए उसके प्रापर्टी डीलर पिता ने हायर किया है।
प्रापर्टी डीलर भी गिरफ्तार
रमेश के बयान पर प्रापर्टी डीलर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस काम में फ्यूचर अस्पताल की सेविका सपना की भी मिलीभगत थी। पिता ने रमेश-सपना को एक लाख रुपये की सुपारी अपनी ही बेटी को मारने के लिए दी थी। दोनों के पास से सुपारी के दिए रुपयों में से 95 हजार बरामद हुए हैं। मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया रहा है।
बंदर के झपट्टे की बात बताई, छत से कूदी थी युवती
अस्पताल में भर्ती कराने से पहले युवती के पिता व स्वजन ने चिकित्सकों से बताया था कि बंदरों के झपट्टे से बचने के क्रम में उनकी बेटी छत से गिर गई थी और बुरी तरह चोटिल हो गई थी। अब जब इंजेक्शन की बात खुली तो पता चला कि युवती गिरी नहीं छत से खुद ही कूदी थी। युवक से प्रेम प्रसंग को लेकर परिवार में झगड़ा हुआ था जिसके बाद आक्रोश में युवती छत से कूद गई थी।
पहले कैलाशी फिर फ्यूचर अस्पताल
घायल युवती को पहले कंकरखेड़ा के कैलाशी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन रात में ही उसके पिता की वार्ड ब्वाय से सेटिंग हो गई और वह उसे मोदीपुरम के फ्यूचर अस्पताल ले आए। वार्ड ब्वाय ने आरोपित पिता को बताया था कि कैलाशी में उसके लिए यह काम करना संभव नहीं है। फ्यूचर अस्पताल में उसकी एंट्री आसान है और वहां उसे मदद करने के लिए सहायिका सपना का भी साथ मिल जाएगा। इसी कारण पिता ने रात में ही बेटी को शिफ्ट करा लिया था।