जम्मू, : भारतीय चुनाव आयोग के जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्य के लाेगों को भी वोट का अधिकार देने का फैसला होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डॉ फारूक अब्दुल्ला ने इस फैसले पर चर्चा करने के लिए विपक्ष को सोमवार को अपने निवासस्थान पर आमंत्रित किया है। भाजपा को छोड़ अन्य सभी दलों को इस बैठक में बुलाया गया है ताकि इस फैसले पर अगली रणनीति तैयार की जा सके।
डॉ फारूक अब्दुल्ला के अनुसार बैठक सोमवार सुबह 11 बजे गुपकार स्थित उनके आवास पर होगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले पर सभी दलों की राय जानने के लिए ही यह बैठक बुलाई गई है। गौरतलब है कि पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी आज सुबह यह कहा था कि उन्होंने डॉ फारूक अब्दुल्ला से इस मामले पर बैठक बुलाने का अनुरोध किया था। एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में रह रहे अन्य प्रदेशों के लोगों को भी वोट का अधिकार देने का फैसला किया था। इसके बाद अब जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दल सक्रिय हो गए हैं।
हालांकि अभी कांग्रेस की चुनाव आयोग के इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस इस मुद्दे पर आक्रामक हो गए हैं। दोनों ही दलों का यह आरोप है कि भाजपा यह सब अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है। जम्मू-कश्मीर में इस समय बड़ी संख्या में हिंदी भाषी प्रदेशों से लोग रह रहे हैं। पहले स्थानीय लोगों को ही वोट डालने का अधिकार होने के कारण क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को इसका लाभ होता था लेकिन अब उन्हें ये डर सता रहा है कि कहीं चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समीकरण न बदल जाएं।
चुनाव आयोग के इस फैसले के बहाने डॉ फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती विपक्षी दलों को भी एकजुट करना चाहते हैं। इसी कारण उन्होंने सोमवार को भाजपा को छोड़ अन्य सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों को बैठक में आमंत्रित किया है।