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Russia-Ukraine Crisis: भारत ने पहली बार UNSC में रूस के खिलाफ किया मतदान, जेलिंस्की को वर्चुअल भाषण की छूट देने का था प्रस्ताव


वाशिंगटन। यूक्रेन के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र परिषद (United Nations Security Council) में पहली बार भारत ने रूस के प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग की। भारत ने प्रक्रियात्मक मतदान (Procedural Vote) के दौरान रूस के खिलाफ वोटिंग की। संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यीय शक्तिशाली निकाय ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) को एक बैठक में भाग लेने के लिए वीडियो टेली-कॅान्फ्रेंस के जरिए आमंत्रित किया। रूस की आपत्ति वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस द्वारा राष्ट्रपति जेलेंस्की की भागीदारी से संबंधित थी, जिसपर भारत सहित 12 अन्य देशों ने असहमति जाहिर की। गौरतलब है कि चीन ने वोटिंग करने से इंकार कर दिया। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद बुधवार को पहली बार भारत ने रूस के खिलाफ मतदान किया।

इससे पहले यूएनएससी (UNSC) में रूस-यूक्रेन मुद्दे पर भारत ने प्रक्रियात्मक मतदान में भाग लेने से दूरी बना रखी थी। गौरतलब है कि यूक्रेन मुद्दे पर भारत द्वारा वोटिंग में हिस्सा न लेना पश्चिमी देशों को रास नहीं आ रहा था। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने इस हमले के बाद रूस पर बड़े आर्थिक और अन्य प्रतिबंध लगाए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का अस्थायी सदस्य के रूप में दो साल का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होने वाला है। बुधवार को यूएनएससी ने यूक्रेन की स्वतंत्रता की 31वीं वर्षगांठ पर रूस-यूक्रेन युद्ध का जायजा लेने के लिए एक बैठक की।

रूसी राजदूत ने जताई आपत्ति

बैठक की शुरुआत में ही संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजदूत वसीली ए नेबेंजिया ने वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस द्वारा बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति की भागीदारी के संबंध में एक प्रक्रियात्मक मतदान का अनुरोध किया। रूसी राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में मौजूद अल्बानिया के राजदूत फेरिट होक्सा के अनुरोध पर परिषद ने जेलेंस्की को वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में भाग लेने के लिए वोटिंग का प्रस्ताव रखा। वोटिंग में 13 सदस्यों ने जेलेंस्की के बैठक में भाग लेने पर सहमति जाहिर की वहीं, रूस ने असहमति जाहिर की। चीन ने वोटिंग में भाग लेने से इंकार कर दिया।

नेबेंजिया ने जोर देकर कहा कि रूस, जेलेंस्की की बैठक में भागीदारी का विरोध नहीं करता है, लेकिन ऐसी भागीदारी व्यक्तिगत रूप से होनी चाहिए न कि वर्चुअल माध्यम से। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान परिषद ने वर्चुअली काम करने का फैसला किया,लेकिन ऐसी बैठकें अनौपचारिक थीं और वैश्विक तौर पर कोरोना महामारी पर काबू पाने के बाद परिषद ने पुराने ढंग से मीटिंग को शुरू करने का फैसला किया।

यूक्रेन पर हो रहे हमले के पीछे रूस है जवाबदेही

इसके बाद यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से टिप्पणी करते हुए कहा कि यूक्रेन में हो रहे हमलों के पीछे रूस की जवाबदेही है। जेलेंस्की ने कहा, ‘दुनिया की भविष्य कैसी होगी वो यूक्रेन की धरती पर तय किया जाएगा।’ उन्होंने यूएनएससी की ओक इशारा करते हुए कहा, ‘हमारी स्वतंत्रता आपकी सुरक्षा है।’

जलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूस ने जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र को युद्ध क्षेत्र में बदलकर दुनिया को परमाणु तबाही के कगार पर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि संयंत्र में छह रिएक्टर हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) को जल्द से जल्द स्थिति पर स्थायी नियंत्रण रखना चाहिए।