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भारतीय छात्रों के वीजा में हो रही देरी, सरकार ने कनाडा के अधिकारियों से प्रक्रिया में तेजी लाने का किया आग्रह


ओटावा (कनाडा), । ओटावा में भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) ने कनाडा के अधिकारियों से कनाडा के विश्वविद्यालयों में नामांकित कालेज के छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं पर गौर करने को कहा है। इस देरी के कारण कई छात्र अपने वीजा और छात्र परमिट की प्रक्रिया में देरी के कारण शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।

एक एडवाइजरी में उच्चायोग ने कहा कि, ओटावा में भारतीय अधिकारी और टोरंटो और वैंकूवर में वाणिज्य दूतावास भारतीय छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं के संबंध में शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों सहित कनाडाई वार्ताकारों के साथ जुड़े हुए हैं।

एडवाइजरी में इन मुद्दों और इस तथ्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि भारतीय छात्रों ने पहले ही कनाडा के संस्थानों के साथ ट्यूशन फीस जमा कर दी है, हमने कनाडा के अधिकारियों से भारत के छात्रों के लिए वीजा आवेदनों के प्रसंस्करण में तेजी लाने का अनुरोध किया है।

यह नोट किया गया कि कनाडा माध्यमिक शिक्षा के बाद भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है। लेकिन उच्चायोग ने कहा, ‘वीज़ा की प्रक्रिया कनाडा सरकार का एक राजकीय अधिकार है।’

वर्तमान में, कनाडा में पोस्ट-सेकेंडरी संस्थानों में नामांकित भारत के 230,000 से अधिक छात्र कनाडा की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं, जिसमें अनुमानित 4 बिलियन अमरीकी डालर की ट्यूशन फीस भी शामिल है।

भारत और कनाडा की रणनीतिक साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों, बहुलवाद और कानून के शासन के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर आधारित है।

द्विपक्षीय एजेंडा आर्थिक जुड़ाव, नियमित बातचीत और लंबे समय से लोगों से लोगों के बीच संबंधों के विस्तार पर आधारित है।

हालांकि कोविड -19 महामारी के कारण मंत्रिस्तरीय या आधिकारिक यात्राएं नहीं हो सकी, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत ने द्विपक्षीय जुड़ाव की निरंतरता को बनाए रखा है।

1 अप्रैल, 2021 से 31 अगस्त, 2021 तक द्विपक्षीय व्यापार (Bilateral trade) 2.968 बिलियन अमरीकी डॉलर का था। इस अवधि के दौरान कनाडा को भारत का निर्यात 1.982 बिलियन अमरीकी डॉलर और कनाडा से आयात 0.985 बिलियन अमरीकी डॉलर था। इस अवधि के दौरान कनाडा से भारत में पोर्टफोलियो निवेश (Portfolio investments) में वृद्धि हुई है।

दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) और द्विपक्षीय निवेश संवर्धन और संरक्षण समझौते (बीआईपीपीए) के लिए बातचीत जारी रखी है।

बता दें कि कोविड -19 महामारी के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे की सहायता की है। वहीं, कोरोना के दौरान भारत ने कनाडा को कोविशील्ड टीके, पैरासिटामाल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाओं की आपूर्ति भी की थी। अप्रैल-मई 2021 के दौरान, कनाडा ने महत्वपूर्ण दवाओं और ऑक्सीजन से संबंधित उपकरणों की आपूर्ति की थी।