अदालत में गुरुवार की सुनवाई खत्म हो गई है। ज्ञानवापी शृंगार गौरी विवाद मामले में जिला जज वाराणसी एके विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। जहां दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी। मुस्लिम पक्ष आठ हफ्ते बाद सुनवाई की मांग पर अड़ा। कोर्ट ने अगली तारीख 29 सितंबर नियत की। सुनवाई से पहले ज्ञानवापी मामले में वादी महिलाएं अपने अधिवक्ताओं के साथ जिला जज कोर्ट पहुंचीं। ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले में जिला जज की अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की मांग खारिज होने के बाद पहली बार सुनवाई हुई।
पिछली सुनवाई पर दोनों पक्ष की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 22 सितंबर की तिथि तय की थी। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि हमारा कहना है कि 15 अगस्त 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था और मुझे लगता है कि अगर आने वाले समय में ये आवेदन अस्वीकार होती है तो धार्मिक स्वरूप को तय करने की कवायद और आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यदि फैसला हमारे पक्ष में आता है तो हम एएसआई सर्वे और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की गई है। हम कार्बन डेटिंग की मांग कर रहे हैं। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह एक फव्वारा है, हम कहते हैं कि यह शिवलिंग है। एक स्वतंत्र निकाय को इसकी जांच और पता लगाना है। हम कार्बन डेटिंग की मांग के लिए एक आवेदन दाखिल किए है।
शृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण में वादी महिलाओं के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि मंदिर का अस्तित्व कभी समाप्त नहीं होता। भगवान शंकर ने ज्ञानवापी में हजारों हजार साल पहले पांच कोस का अवमुक्त एरिया बनाया था। उन्होंने कहा कि वह देश में अभियान चला रहे हैं, जितनी भी प्रापर्टी हिंदुओं की ली गई है उसे वापस लेनी है।
वाराणसी जिला जज ने माना कि ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने के अधिकार की मांग करने वाली 5 हिंदू महिलाओं द्वारा दायर किया गया मुकदमा ‘सुनने योग्य’ है। वहीं कोर्ट ने इस केस की अगली सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तारीख तय की है।
राखी सिंह तथा वाराणसी की निवासी चार महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवी देवताओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना का आदेश देने के आग्रह वाली एक याचिका पिछले साल सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल की थी। उसके आदेश पर पिछली मई में ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था।