रांची, Latehar, Tana Bhagats Protest लातेहार में टाना भगतों के हिंसक विरोध प्रदर्शन काे बुजुर्ग टाना भगतों ने महात्मा गांधी के विचार व सिद्धांतों के विरुद्ध बताया। रांची के मोरहाबादी में दक्षिणी छोटानागपुर के विभिन्न जिलों के करीब 40 टाना भगत परिवार रहते हैं। सोमवार को लातेहार में हिंसक प्रदर्शन पर टाना भगतों ने कहा कि हमलोगों को कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी गई। जिस प्रकार की खबरें सामने आ रही है वो गलत है।
हमारे पूर्वजों ने महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी लेकिन उस समय भी टाना भगतों ने हिंसा का सहारा नहीं लिया। अंग्रेजों की गोली का लाठी से प्रतिकार किया। उसमें सफल हुए।
कुछ युवा टाना भगत आंदोलन को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं जो कि हमारे जीवन दर्शन के खिलाफ है। हिंसा को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। हालांकि, आखिर टाना भगतों को हिंसा पर क्यों उतारू होना पड़ा यह भी जांच का विषय है।
बुजुर्गों की राय, क्या है कहना…
- सोहराम टाना भगत का कहना है कि महात्मा गांधी हमारे आदर्श हैं उन्हीं के पद चिह्नों पर टाना भगत चलता है। अहिंसा, साकाहार, सद् विचार ही हमारा जीवन दर्शन है। आजादी और आजादी के बाद भी हमलोगों ने कई लड़ाईयां लड़ी लेकिन कभी हिंसा नहीं हुई। टाना भगतों के आंदोलन में हिंसा हो ही नहीं सकता है। जो लोग हिंसा करते हैं उन्हें एक बार आदर्शों का मनन करना चाहिए।
- बिगा टाना भगत का कहना है कि आजादी के बाद भी टाना भगतों को संघर्ष करना पड़ रहा है यह चिंता का विषय है। टाना भगतों की मांगों पर सरकार को ध्यान देनी चाहिए। हालांकि, आंदोलन के दौरान हिंसा स्वीकार्य नहीं है। आखिर क्यों और कैसे हिंसा हुई यह जांच का विषय है। आंदोलन में रांची में रहने वाले टाना भगतों की सहभागिता नहीं है।
- राजू टाना भगत ने बताया कि समाचार पत्र के माध्यम से लातेहार घटना की जानकारी मिली। आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए हमलोगों को आमंत्रित नहीं किया गया था। वे कौन लोग हैं मुझे नहीं मालूम। बात आंदोलन के दौरान पत्थरबाजी की है तो ये सरासर गलत है। हिंसा करने वाले गांधी के अनुयायी हो ही नहीं सकते हैं। गांधी से हमें अहिंसा परमो धर्म: की शिक्षा मिलती है।