दहशत पैदा करने के लिए इन्होंने कोठी के बाहर गोलियां भी चला दी थी। अर्शदीप के निर्देश पर पंजाब के फिरोजपुर जेल में बंद तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना ने दोनों ने किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने दिल्ली भेजा था।
पुलिस का कहना है कि पिछले साल अर्शदीप के निर्देश पर तन्ना ने पंजाब के एक व्यवसायी से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी थी। पैसे न देने पर उसने व्यवसायी की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह तब से जेल में बंद है। गिरफ्तार किए गए शूटरों के नाम रविंदर सिंह उर्फ अब्बी और नवदीप सिंह उर्फ नवी है। दोनों गुरदासपुर (पंजाब) के रहने वाले हैं।
तरनजोत का खालिस्तान से संबंध
तरनजोत का खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकी हरदीप निज्जर से भी करीबी संबंध है। इनके पास से दो सेमी-आटोमैटिक पिस्टल और नौ कारतूस बरामद किए गए हैं। 19 सितंबर को दोनों ने बठिंडा में व्यवसायी अंकित गोयल की कोठी के बाहर फायरिंग की थी।
दिल्ली में किसी बड़ी वारदातों को देना था अंजाम
पिछले कुछ महीनों से सूचना मिल रही थी कि कनाडा और ब्रिटेन में छिपे कुछ आतंकी संगठन, अर्शदीप डल्ला के जरिए पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद गैंगस्टरों से दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक की कोशिश कर रहे हैं। सूचना को विकसित करते पर स्पेशल सेल की टीम ने कई महीने तक जांच पड़ताल के बाद मंगलवार को दोनों को दबोच लिया।
हथियार लाने की मिली जिम्मेदारी
पूछताछ में रविंदर ने बताया कि 12वीं तक पढाई के बाद वह नौकरी करने पहले गुजरात और फिर इंदौर गया था। वापस पंजाब लौटने पर अजय के जरिए उसकी जान पहचान तरनजोत से हुई। तरनजोत ने उसे सेंधवा (मध्य प्रदेश) से हथियार लाने का जिम्मा सौंपा।
हथियार लाते समय दबोचा
पिछले साल अगस्त में मध्य प्रदेश के बड़वानी से अर्ध-स्वचालित हथियार लेकर पंजाब आने के दौरान मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे दबोच लिया था। नवंबर तक वह सेंधवा जेल में रहा। जमानत पर छूटकर पंजाब लौटने पर तरनजोत सिंह के ही माध्यम से उसकी जान पहचान अमनदीप उर्फ मंत्री से हुई।
उसी दौरान अमनदीप को पंजाब पुलिस ने त्रिवेणी द्वार पठानकोट कैंट, पंजाब में ग्रेनेड ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार कर लिया। बाद में आरोपित रविंदर उर्फ अब्बी को आर्म्स एक्ट में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। चार माह पहले जमानत पर छूटने के बाद रविंदर,
तरनजोत के जरिए ही नवदीप संपर्क में आया
तरनजोत सिंह के माध्यम से नवदीप सिंह के संपर्क में आया। नवदीप सिंह 2020 में स्नातक करने के बाद दुबई चला गया था। वहां उसने नौ माह तक एक कंपनी में सुरक्षा गार्ड की नौकरी की और वापस पंजाब लौट आया। अत्यधिक नशा करने पर उसकी याददाश्त चली गई, जिससे उसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराना पड़ा।
नशा मुक्ति केंद्र से आकर आतंकी गतिविधि में जुड़ा
नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आने पर बबलू के माध्यम से उसकी मुलाकात विगत फरवरी में तरनजोत सिंह से हुई। तरनजोत के निर्देश पर उसने एक एक तस्कर से दो अवैध हथियार लेकर बस स्टैंड सोनीपत के पास पहुंचा था। उक्त हथियारों का इस्तेमाल किसी वारदात को अंजाम देने के लिए मंगाया गया था।
सितंबर में तरनजोत ने रविंदर व नवदीप को बठिंडा जाकर जसविंदर से मिलने व अंकित गोयल के आवास पर फायरिंग करने के लिए कहा था। इसके लिए दोनों को 2.5 लाख देने का वादा किया था।