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मुख्य बातें-
ओडीएफ फेज-2 का शुभारंभ, बदलेगी गांवों की तस्वीर और चमकेगी तक़दीर
प्रथम चरण में डीघ ब्लॉक क्षेत्र के कुल पांच गांवों क्रमशः- डीघ उपरवार, बैरीबीसा, नारेपार, इनारगांव व गोधना समेत जिले के 14 गांव किये गए हैं चयनित
गांवों में भेजी जा चुका है धन, कार्यों की हुई शुरुआत
चयनित गांवों को वृहद रूप में किया जाएगा स्वच्छता से संतृप्त, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के बड़े प्लान और प्रोजेक्ट पर होगा काम, डोर-डोर टू कूड़े उठाकर आरआरसी (सेंटर) पर की जाएगी एकत्र..बनेगी खाद, गंदगी से मुक्त रहेंगे गांव
डीघ क्षेत्र के नारेपार, डीघ, गोधना, इनारगांव व बैरीबीसा गांव में ले-ऑउट के साथ कार्य की हुई शुरुआत
जिला स्वच्छता समन्वयक डॉ. सरोज पाण्डेय व एडीओ पंचायत प्रदीप कुमार सुमन चयनित गांवों में पहुंचे, निगरानी करने के साथ तकनीकी सावधानियों का ध्यान रखने को किया इत्तला
खबर विस्तार से-
कोइरौना (भदोही)। ओडीएफ फेज-2 के जरिये ग्राम पंचायतें स्वच्छता के नए आयाम हासिल करेंगीं। पंचायतें अब कूड़ा मुक्त होने वाली हैं, और स्वच्छता और विकास की नई इबारत लिखने जा रही हैं। सरकार के इस प्लान और पहल से स्वच्छता मिशन को वास्तव में अब मूर्त रूप मिलने वाला है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में ग्राम पंचायतों में कार्य की शुरुआत हो चुकी है। 5 हजार से अधिक आबादी वाले डीघ ब्लॉक के नारेपार गोधना बैरीबीसा इनारगांव व डीघ सहित जनपद के कुल 14 गांवों को पहले चरण में चयनित कर धनराशि भेज दी गई है। इन गांवों में ठोस व तरल अपशिष्टों से मुक्ति के लिए लाखों-लाख रुपये खर्च किये जाएंगे। अधिकांश गांवों में कार्य की शुरुआत भी हो गई है। जिला स्वच्छता समन्वयक डॉ. सरोज पाण्डेय ने एडीओ पंचायत प्रदीप सुमन के साथ गुरुवार को डीघ क्षेत्र के नारेपार व गोधना सहित सभी चयनित गांवों में दौरा कर कार्यों की प्रगति का निरीक्षण किया तथा निर्माण कार्यों से जुड़ी बारीकियों से रूबरू कराया। नारेपार में गुरुवार को वर्मी कम्पोस्ट पिट निर्माण हेतु जेई मनीष तिवारी द्वारा ले-ऑउट कराया गया।
नारेपार में कुल लगभग 20 की संख्या में सामुदायिक वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप कम्पोस्ट बनना है। उक्त दोनों पिट में सूखे सड़ने वाले कचरे जैसे गोबर आदि की खाद तैयार होगी। डॉ सरोज पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि ओडीएफ फेज 2 के अंतर्गत चयनित गांवों में वृहद कार्ययोजना तैयार कराते हुए कार्य शुरू करा दिया गया है। चयनित गांवों में 14 मीटर लम्बाई व 16 मीटर की चौड़ाई में रिसोर्स रिकवरी सेंटर यानी आरआरसी का निर्माण होगा। जिसके लिए स्थल का चयन किया जा रहा है। बस्तियों व लोगों के घरों के पास से कूड़े उठाकर आरआरसी सेंटर पर एकत्र किया जाएगा। वहां न सड़ने वाले ठोस अपशिष्टों जैसे शीशी बोतल इत्यादि को बेच दिया जाएगा। यह ग्राम पंचायत के आय का साधन भी बनेगा। इसके अतिरिक्त सामुदायिक व व्यक्तिगत सोख्ता निर्माण हैंडपंप के चबूतरे का निर्माण भी बड़े पैमाने पर कराया जाएगा। बस्तियों में बड़े पैमाने पर नाली निर्माण का कार्य भी होगा। कूड़ा उठाने हेतु ट्राली इत्यादि भी ग्राम पंचायत क्रय करेंगीं। इस प्लान से पंचायतों की न सिर्फ तस्वीर और तकदीर बदलेगी बल्कि पंचायतें स्वच्छता के परिमाप और पैमाने की नई गाथा लिखेंगीं। डीघ गोधना इनारगांव सहित डीघ के सभी गांवों में ओडीएफ फेज-2 के प्रोजेक्ट का शुभारंभ हो गया है। डॉ सरोज पाण्डेय ने बताया कि धीरे-धीरे कर सभी गांवों को चयनित कर ओडीएफ-2 के वृहद प्रोजेक्ट से संतृप्त किया जाएगा। इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि नारेपार धर्मेंद्र सिंह, जेई मनीष तिवारी, सचिव संजय सिंह चौहान, रोसे. प्रदीप सिंह, सचिव सुजीत विश्वकर्मा, प्रधान डीघ गंगाधर यादव, सचिव गुलाब सरोज व प्रधान इनारगांव अजय सिंह, टीए सुनील तिवारी आदि रहे।
विशेष रिपोर्ट- रामकृष्ण पाण्डेय