नई दिल्ली, । कोरोना पैनडेमिक के बाद से बॉलीवुड फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर कचूमर निकला हुआ था। कुछ को छोड़कर ज्यादातर फिल्में ढेर होती रहीं। बड़े सितारे भी फीके रहे, मगर यह कहानी तब तक की है, जब तक शाह रुख खान की पठान रिलीज नहीं हुई थी।
25 जनवरी को सिनेमाघरों में पहुंची फिल्म ने ऐसी रफ्तार पकड़ी है कि बॉलीवुड, ओटीटी, साउथ फिल्मों और शाह रुख खान को लेकर चल रहे मिथ गलत साबित हुए हैं। जो लोग कह रहे थे कि सोशल मीडिया बायकॉट की वजह से फिल्में नहीं चल रहीं या साउथ का कंटेंट बॉलीवुड पर भारी है या शाह रुख के दिन लद गये, उन सबको पठान के बॉक्स ऑफिस आंकड़े झुठला रहे हैं।
फिल्म ने 55 करोड़ की ओपनिंग सिर्फ हिंदी बॉक्स ऑफिस पर ली, जो हिंदी सिनेमा की नॉन हॉलीडे पर सबसे बड़ी ओपनिंग है। दूसरे दिन गणतंत्र दिवस की छुट्टी पर भी फिल्म ने रिकॉर्ड कमाई की है। शुरुआती अनुमान के हिसाब से फिल्म का गुरुवार का घरेलू बॉक्स ऑफिस पर नेट कलेक्शन 60 करोड़ के पार हो सकता है।
रामू ने साझा की मिथकों की लिस्ट
पठान की इस बेतहाशा कामयाबी के बीच राम गोपाल वर्मा ने कुछ जरूरी बातों की ओर ध्यान दिलाया है। रामू ने ट्विटर के जरिए वो मिथ गिनाये हैं, जो बॉलीवुड की असफलता के बाद फल फूल रहे थे। उन्होंने लिखा-
- ओटीटी के टाइम में थिएटर्स के कलेक्शन पहले जैसे नहीं रहेंगे।
- शाह रुख खान फीका होता सितारा है।
- साउथ के मसाला निर्देशकों की तरह बॉलीवुड कभी ब्लॉकबस्टर नहीं बना सकता।
- केजीएफ 2 का पहले दिन के कलेक्शन का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए बॉलीवुड को सालों लगेंगे।
पठान ने ऊपर दिये गये सारे मिथ तोड़ दिये हैं।
पठान का निर्माण यशराज फिल्म्स ने किया है और निर्देशक सिद्धार्थ आनंद हैं। यह एक स्पाइ फिल्म है, जिसमें शाह रुख भारतीय गुप्तचर संस्था के जासूस बने हैं, जिसका नाम पठान है। दीपिका पादुकोण ने आइएसआइ की एजेंट रूबीना का किरदार निभाया है। वहीं, जॉन एक बागी जासूस बने हैं, जो अपने जीवन में हुए एक हादसे का बदला पूरे देश से लेना चाहता है। फिल्म में सलमान खान ने टाइगर के अवतार में कैमियो किया है, जिसकी इस वक्त खूब चर्चा हो रही है।
बॉलीवुड के अच्छे दिन आ गये
पठान से दो दिनों के भीतर 100 करोड़ का पड़ाव पार करने की उम्मीद की जा रही है, वहीं वर्ल्डवाइड ग्रॉस कलेक्शन 200 करोड़ पार होने का अनुमान है। पठान के बिजनेस से आने वाली फिल्मों के लिए भी अच्छे दिन आने की उम्मीद है।