सियोल,: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद नाटो ने हथियार भेजने सहित कई तरह से कीव की मदद की है। अब नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने दक्षिण कोरिया से यूक्रेन के लिए सैन्य समर्थन बढ़ाने की अपील की है।
स्टोलटेनबर्ग इस वक्त सियोल में हैं। उनके इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन में युद्ध व चीन के साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा के सामने अमेरिकी सहयोगियों से संबंध मजबूत करना है।
यूक्रेन की सहायता के लिए दिया धन्यवाद
सियोल में चे इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडीज में स्टोलटेनबर्ग ने यूक्रेन की सहायता के लिए दक्षिण कोरिया को धन्यवाद दिया। साथ ही इसे और बढ़ाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में यूक्रेन को गोला-बारूद की तत्काल आवश्यकता है। वहीं, रूस अपने आक्रमण को “विशेष अभियान” बता रहा है। नाटो के सेक्रेटरी जनरल ने आगे कहा कि वे दक्षिण कोरिया से यूक्रेन को सैन्य समर्थन के विशिष्ट मुद्दे पर कदम उठाने का आग्रह करते हैं।
पॉलिसी में बदलाव
स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि अंत में ये दक्षिण कोरिया पर ही निर्भर है कि वह यूक्रेन को सैन्य सहायता देगा या नहीं, लेकिन ये कहूंगा कि कई नाटो सहयोगी ने अब उस नीति को बदल दिया है। जिसमें संघर्ष के दौरान देशों को हथियार निर्यात नहीं करने की पॉलिसी बनाई गई थी।
बता दें कि दक्षिण कोरिया ने युद्ध शुरू होने के बाद से नाटो सदस्य पोलैंड को सैकड़ों टैंक, विमान और अन्य हथियार देने वाले प्रमुख सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने कहा है कि उनका कानून संघर्ष के दौरान देशों को हथियार मुहैया कराने के खिलाफ है। जिससे यूक्रेन को हथियार आपूर्ति करना मुश्किल है। इसपर, स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि जर्मनी, स्वीडन और नॉर्वे जैसे देशों में भी इस तरह की नीतियां थी लेकिन, उन्हें बदल दिया गया।
हर तरह से यूक्रेन को करना होगा सहयोग
स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि अगर हम निरंकुशता व अत्याचार की जीत नहीं चाहते हैं, तो उन्हें यूक्रेन का हथियार समेत हर चीजों से सहयोग करना होगा। नाटो प्रमुख ने कहा कि रूस को किसी भी हालत में जीतने नहीं देना है। उन्होंने कहा कि ये केवल यूक्रेन के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है। कीव की हार से चीन जैसे देशों को ये संदेश जाएगा कि वे बल से जो चाहते हैं वह प्राप्त कर सकते हैं।
स्टोलटेनबर्ग ने यह भी कहा कि हमें हथियार नियंत्रण, जलवायु परिवर्तन और अन्य मुद्दों पर चीन से बातचीत करनी चाहिए। लेकिन हम जानते हैं कि बीजिंग हमारे मूल्यों, हमारे हितों और हमारी सुरक्षा के लिए एक चुनौती पेश करता है। नाटो प्रमुख की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष ली जोंग-सुप के साथ वार्ता के लिए सोमवार को सियोल आने वाले हैं।