नई दिल्ली, अदानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के खिलाफ दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत में डाली गई जनहित याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक साजिश के तहत बनाई गई रिपोर्ट है जिससे कि अडानी के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग हो। याचिका में कहा गया है कि इस साजिश के चलते निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है।
भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश
अधिवक्ता एमएल शर्मा और विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिकाओं पर SC ने सुनवाई पर सहमति जताई है। याचिका में कहा गया है कि अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने साजिश के तहत भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। अधिवक्ता ने कहा कि इस रिपोर्ट ने शेयर बाजार पर गलत असर डाला है, जिससे लोगों को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
समिति गठित कर जांच की मांग
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त शीर्ष अदालत के न्यायाधीश की निगरानी में एक समिति गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया।
रिपोर्ट से अडानी ग्रुप और बाजार को हुआ नुकसान
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी लेनदेन और शेयर-कीमत में हेरफेर सहित कई आरोपों लगाने के बाद अडानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। शेयर बाजार में इसका बड़ा असर देखने को मिला है। रिपोर्ट के बाद कई दिनों तक बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। हालांकि, अदानी समूह ने आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज किया है और कहा कि कंपनी हमेशा से कानूनों का अनुपालन करती रही है।
बता दें कि उद्योगपति गौतम अडानी को इस रिपोर्ट से काफी नुकसान झेलना पड़ा है। वे दुनिया के अमीरों की सूची में भी टॉप 20 से भी नीचे आ गए हैं। वहीं, देश की विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है।